केरल के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन ने मंगलवार (14 नवंबर) को बच्चों के अधिकारों की रक्षा के लिए सरकार की जिम्मेदारी पर जोर दिया और इजराइल के साथ चल रहे संघर्ष से प्रभावित फलस्तीनी बच्चों को इस दुर्दशा से बाहर निकालने के लिए ठोस कदम उठाने का आह्वान किया.


भारत के प्रथम प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू के जन्मदिन को बाल दिवस के तौर पर मनाया जाता है. इस अवसर पर सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म फेसबुक पर एक पोस्ट में मुख्यमंत्री पिनरई विजयन ने युद्ध के बीच फलस्तीनी बच्चों की स्थिति को रेखांकित किया. उन्होंने उनकी सुरक्षा सुनिश्चित करने और उनके पुनर्वास के लिए सामूहिक कदम उठाने का आग्रह किया.


और क्या बोला पिनरई विजयन
पिनरई विजयन ने कहा कि पौष्टिक भोजन, स्वास्थ्य देखभाल और गुणवत्तापूर्ण शिक्षा की उपलब्धता दुनिया में जन्म लेने वाले हर बच्चे का अधिकार है. उन्होंने कहा कि इन अधिकारों की रक्षा करना सरकारों की मौलिक जिम्मेदारी है. पंडित जवाहर लाल नेहरू समेत संविधान के निर्माताओं के दृष्टिकोण पर प्रकाश डालते हुए मुख्यमंत्री विजयन ने कहा कि एक ऐसे भारत की कल्पना की थी जहां बच्चों के खिलाफ हिंसा और शोषण को खत्म किया जाएगा.


मुख्यमंत्री ने कहा- इजरायली हमलों से गाजा में मारे गए करीब 5,000 बच्चे
सीएम विजयन ने ऐसी घटनाओं के हृदय विदारक प्रभाव को स्वीकार करते हुए वैश्विक स्तर पर बच्चों के खिलाफ होने वाले अत्याचारों पर गहरी चिंता व्यक्त की. उन्होंने कहा, 'फलस्तीन के खिलाफ इजराइली हमले में अकेले गाजा में 4,609 बच्चे मारे जा चुके हैं.' मुख्यमंत्री ने गंभीर रूप से घायल और अनाथ बच्चों के चेहरों को मानवीय चेतना पर एक दाग बताया. उन्होंने दुनिया भर की सुधारवादी ताकतों से एकजुट होने आवाज उठाने का आह्वान किया.


फलस्तीनी बच्चों की सुरक्षा और पुनर्वास के लिए कदम उठाने का किया आग्रह
पिनरई विजयन ने फलस्तीनी बच्चों की सुरक्षा और पुनर्वास सुनिश्चित करने के लिए सामूहिक कदम उठाने का भी आग्रह किया. मुख्यमंत्री ने बाल अधिकारों के मामले में केरल को पूरे देश के लिए एक मॉडल घोषित करने पर भी गर्व महसूस किया. फेसबुक पोस्ट में उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा कि उनकी सरकार बच्चों के खिलाफ हिंसा से जुड़े मामलों में कोई समझौता नहीं करेगी.


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