तालिबान के साथ आज बात करेंगे हामिद करजई, तीन-चार दिन में तय हो सकता है अफगानिस्तान की नई हुकूमत का भविष्य- सूत्र
तालिबानी नेतृत्व आज दोहा से काबुल पहुंच रहा है और पूर्व राष्ट्रपति हामिद करजई द्वारा गठित कोऔरडिनेशन काऊंसिल के साथ बातचीत हो सकती है.
नई दिल्ली: क्या होगा अफगानिस्तान का भविष्य, कैसी होगी अफगानिस्तान की नई हुकूमत, इसपर अगले 3-4 दिनों में फैसला हो सकता है. तालिबानी नेतृत्व आज दोहा से काबुल पहुंच रहा है और पूर्व राष्ट्रपति हामिद करजई द्वारा गठित कोऔरडिनेशन काऊंसिल के साथ बातचीत हो सकती है. पूर्व राष्ट्रपति की कोशिश है कि तालिबान को मिली-झुली अंतरिम सरकार के लिए मनाया जा सके.
ABP News को सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक दोहा से तालिबानी नेतृत्व आज काबुल पहुंच रहा है और यहां पूर्व राष्ट्रपति हामिद करजई, डा अब्दुल्ला और पूर्व मुजाहिद्दीन गुलबदीन हेकमतियार, मुल्ला बरादर के नेतृत्व में काबुल पहुंच रहे तालिबानी नेताओं से बात करेंगे.
विश्वसनीय सूत्रों ने ABP News को बताया कि ये तीनों नेता तालिबानी नेताओं को प्रस्ताव देंगे कि पूरी तालिबानी सरकार की जगह फिलहाल अफगानिस्तान में अलग अलग राजनीतिक पक्षों को शामिल कर व्यापक अंतरिम सरकार बनानी चाहिए.
सूत्रों के मुताबिक़ तालिबन को पूर्व राष्ट्रपति हामिद करजई ये भी समझाएंगे कि ऐसा करने से तालिबान को अंतराष्ट्रीय समुदाय की मान्यता भी मिल सकती है, वरना दुनिया भर के देश तालिबान की हुकूमत को मान्यता देने से इंकार कर देंगे.
ABP News को सूत्रों से ये भी जानकारी मिली कि इस बीच फिलहाल राष्ट्रपति अशरफ़ गनी ओमान में हैं और अमेरिका रवाना होने वाले हैं. सूत्रों के मुताबिक़ ताजिकिस्तान ने कर उनके जहाज़ को अपनी धरती पर उतरने की इजाज़त नहीं दी थी.
एयरपोर्ट पर अमेरिकी सैनिकों की फायरिंग में पांच लोग मारे गए
अफगानिस्तान पर तालिबान के कब्जे के बाद काबुल में भारी अफरातफरी है. लोग जान बचाने के लिए देश से निकलना चाहते हैं और यहां से निकलने के लिए एयरपोर्ट ही एकमात्र रास्ता बचा है. काबुल के हामिद करजई एयरपोर्ट पर हजारों लोगों की भीड़ जमा हो गई है. विमान पर चढ़ने के लिए मारामारी हो रही है.
हालात को काबू करने के लिए अमेरिका ने एयरपोर्ट पर अपने छह हजार सैनिकों को तैनात किया है. ताजा खबर ये है कि एयरपोर्ट पर अमेरिकी सैनिकों की फायरिंग में पांच लोग मारे गए हैं. उधर तालिबान ने बयान जारी कर कहा है कि उसके लड़ाके उन लोगों को कोई नुकसान नहीं पहुंचाएंगे जो देश छोड़कर जाना चाहते हैं.