नई दिल्ली: कश्मीर में अमरनाथ यात्रा शुरू होने से पहले विश्व हिंदू परिषद ने जम्मू कश्मीर के राज्यपाल एन एन वोहरा और मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती से अनुरोध किया है कि वह उसकी सुरक्षा सेना को सौंप दें.
सेना को सौंप देनी चाहिए अमरनाथ श्रद्धालुओं की सुरक्षा की जिम्मेदारी
वीएचपी के सुरेंद्र कुमार जैन ने पत्र में कहा है कि पत्थरबाजों और अलगाववादियों द्वारा पहले की गई गड़बड़ियोंके मद्देनजर अधिकारियों को न सिर्फ लेह-कारगिल-द्रास-बालताल मार्ग खोलना चाहिए बल्कि पूरे यात्रा मार्ग को सेना को सौंपा जाना चाहिए.
जैन ने कहा कि नए मार्ग में कम से कम सुविधाओं की जरूरत होगी और तीर्थयात्री द्रास से सुबह जल्दी यात्रा शुरू कर उसी दिन पवित्र गुफा में दर्शन कर शाम को लौट सकते हैं, बशर्ते जोजिला दर्रे में यातायात सामान्य हो.
वीएचपी ने कहा कि हेलीकॉप्टर सेवाओं पर सेवा कर और तीर्थयात्रियों पर दूसरे टैक्स तत्काल हटाए जाने चाहिए क्योंकि इसे हिंदू भक्तों द्वारा 'जजिया' के तौर पर देखा जाता है. इसमें कहा गया है कि अमरनाथ यात्रा के तीर्थयात्रियों को ले जाने वाले वाहनों को मार्ग कर और दूसरे करों से छूट दी जानी चाहिए.
श्री अमरनाथ श्राइन बोर्ड के अध्यक्ष भी हैं एन एन वोहरा
वीएचपी ने यह कहते हुए तीर्थयात्रा के लिए वैकल्पिक लेह-करगिल मार्ग खोलने की मांग की कि इसमें कम से कम सुविधाओं की जरूरत पड़ेगी. वीएचपी के अंतरराष्ट्रीय संयुक्त महासचिव सुरेंद्र जैन ने महबूबा और वोहरा को पत्र लिखे हैं. वोहरा श्री अमरनाथ श्राइन बोर्ड के अध्यक्ष भी हैं.
जैन ने मांग की कि पूर्व में अलगाववादियों, पथराव करने वालों और आतंकवादियों द्वारा तीर्थयात्रियों के लिए ‘‘बाधा’’ उत्पन्न किये जाने के मद्देनजर सरकार को लेह-करगिल...द्रास...बालटाल मार्ग को खोलना चाहिए और पूरी तीर्थयात्रा की सुरक्षा का जिम्मा सेना को सौंप देनी चाहिए.
उन्होंने दावा किया कि लेह-करगिल मार्ग न्यायपालिका और एसएएसबी द्वारा भी सुझाया गया है. जैन ने कहा कि लेह.करगिल मार्ग पर कम सुविधाओं की जरूरत है और तीर्थयात्री द्रास से सुबह जल्दी निकलकर पवित्र गुफा में मत्था टेकने के बाद उसी दिन शाम तक वापस लौट सकते हैं, बशर्ते जोजिला र्दे पर यातायात का प्रबंधन हो.
29 जून को शुरू होनी है इस साल की तीर्थयात्रा
वर्तमान में तीर्थयात्रा दो मार्गो से संचालित होती है जिसमें पहलगाम या बालटाल शामिल हैं. इस साल की तीर्थयात्रा 29 जून को शुरू होनी है और यह सात अगस्त तक चलेगी. जैन ने कहा कि तीर्थयात्रा को संभावित खतरे के मद्देनजर पहले से अच्छी तरह से आपदा प्रबंधन और सुरक्षित निकासी योजना बनायी जानी चाहिए.
उन्होंने कहा कि हेलीकाप्टर सेवा पर सेवाशुल्क तत्काल हटा लिया जाना चाहिए क्योंकि इसे हिंदू श्रद्धालु तीर्थयात्रा उद्देश्यों के लिए राज्य का दौरा करने वाले हिंदू श्रद्धालुओं पर जजिया (मुस्लिम राज्यों की ओर से लगाया जाने वाले कर) के तौर पर देखा जा रहा है.
उन्होंने साथ ही यह भी मांग की कि तीर्थयात्रियों को अमरनाथ यात्रा के लिए ले जाने वाले वाहनों को राज्य सरकार की ओर से एक सद्भावना संकेत के तौर पर पथकर एवं अन्य करों से छूट दी जानी चाहिए. उन्होंने इसके साथ ही यात्रा जल्दी शुरू करने का भी अनुरोध किया.