श्रीनगर: उत्तरी कश्मीर के हंदवाड़ा में CRPF जवानों पर हुए आतंकी हमले को लेकर नई जानकारी सामने आई है. जम्मू कश्मीर पुलिस के अनुसार इस हमले में शहीद हुए तीन CRPF जवानों के हथियार आतंकी ले गए थे.


जम्मू कश्मीर पुलिस के IG विजय कुमार ने कहा कि हमले में लश्कर के दो स्थानीय आतंकियों के साथ कुछ विदेशी आतंकी भी थे. उन्होंने बताया कि इस हमले के लिए स्टील बुलेट का इस्तेमाल किया था. पुलिस के अनुसार हमले के लिए आतंकियों ने CRPF की एक ऐसी यूनिट का चयन किया था जो इलाके में कोरोना लॉकडाउन के लिए तैनात थी.


जिस जगह यह हमला हुआ वो पूरा इलाका रेड जोन घोषित किया गया है. हमले के बाद आतंकी सीआरपीएफ जवानों के हथियार भी ले गए जिनमें एक AK47 और एक INSAS राइफल शामिल थी. हमले के पीछे लश्कर के दो स्थानीय आतंकियों की पहचान कर ली गई है, जिन्हें बहुत जल्द उनके अंजाम तक पहुंचाया जाएगा.


विजय कुमार के अनुसार उत्तरी कश्मीर में पिछले साल अलग-अलग मुठभेड़ में 35 आतंकियों को सुरक्षा बलों ने मार गिराया था, लेकिन इसके के बाद से सरहद पार से लगातार हो रही घुसपैठ के चलते यहां पर फिर से आतंकियों की संख्या बढ़ गई है और यही वजह है कि यहां आतंकी गतिविधियां हो रही हैं.


इस साल जनवरी महीने से अभी तक उत्तरी कश्मीर में सुरक्षा बलों ने नौ आतंकियों को मार गिराया है, लेकिन सुरक्षा बलों के 13 जवान और अफसर भी शहीद हुए हैं. इनमें सेना के नौ, सीआरपीएफ के तीन और जम्मू कश्मीर पुलिस का एक अफसर शामिल है. आतंकी हमलों में सेना को सब से जायदा नुकसान उठाना पड़ा है. जिसके एक कर्नल, एक मेजर, पांच स्पेशल फॉर्स कमांडो और दो जवान शहीद हुए हैं.


मारे गए आतंकियों में से पांच को सरहद पर घुसपैठ के दौरान मार गिराया गया, लेकिन बाकी मारे जाने वाले चार आतंकियों में तीन मई को हंदवाड़ा के कजिबाग में लश्कर का कमांडर हैदर सबसे खतरनाक था.


पुलिस के अनुसार हैदर पिछले तीन सालों से यहां सक्रिय था और हमेशा सुरक्षा बलों की पहुंच से बाहर था. हैदर ने ही उत्तरी कश्मीर में आतंकियों के टूटे नेटवर्क को फिर से खड़ा करने में अहम भूमिका निभाई थी और इस बार भी वह सरहद पार से आने वाले आतंकियों के एक गुट को लेकर हंदवाड़ा आया था.


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