नई दिल्ली: उत्तरी कश्मीर के हंदवाड़ा में आतंकियों की चंगुल में फंसे परिवार को रिहा कराने के दौरान एक कर्नल और मेजर सहित कुल पांच जवान शहीद हो गए‌. करीब 15 घंटे चले ऑपरेशन में दो आतंकी भी ढेर हुए हैं जिसमें एक लश्कर-ए-तैयबा का कमांडर है. जो पाकिस्तानी नागरिक है.


सेना के मुताबिक, शनिवार दोपहर करीब साढ़े तीन बजे जानकारी मिली थी कि हंडवारा के चंजीमूल में आतंकियों ने एक घर में परिवार को बंधक बना रखा है. इसी सूचना के आधार पर हंडवारा में तैनात 21 आर आर यानि राष्ट्रीय राईफल्स के कमांडिंग ऑफिसर (सीओ) कर्नल आशुतोष शर्मा अपनी टुकड़ी के मेजर अनुज सूद और दो जवान, नायक राकेश और लांस नायक दिनेश सिंह के साथ उस घर में पहुंचे. साथ में जम्मू कश्मीर पुलिस के सब-इंस्पेकटर शकील काजी भी मौजूद थे.


जानकारी के मुताबिक, बंधक बनाए परिवार को तो सकुशल छुड़ा लिया गया, लेकिन उसी दौरान आतंकियों से हुई आमने आमने की मुठभेड़ में कर्नल आशुतोष शर्मा और मेजर अनुज समेत पांचों सुरक्षाकर्मी मारे गए. ये ऑपरेशन रातभर चला. ऑपरेशन के दौरान कर्नल आशुतोष का संपर्क अपनी टुकड़ी से टूट गया था. उसी के बाद से कयास लगाया जा रहा था कि मुठभेड़ में भारतीय सेना को बड़ा नुकसान होने वाला है.


मारे गए दो आतंकवादियों में से एक की पहचान पाकिस्तान के हैदर के तौर पर हुई है जो आतंकी संगठन, लश्कर ए तैयबा का कमांडर बताया जा रहा है. इस एनकाउंटर से कश्मीर में तैनात राष्ट्रीय‌ राईफल्स के साथ साथ दिल्ली स्थित आर्मी हेडक्वार्टर तक हिल गया है. इस‌ घटना राजनाथ सिंह ने बयान जारी कर कहा, "हमारे सैनिकों और सुरक्षाकर्मियों का नुकसान बहुत ही परेशान और दर्दनाक है. उन्होंने आतंकवादियों के खिलाफ अपनी लड़ाई में अनुकरणीय साहस दिखाया और देश की सेवा करते हुए सर्वोच्च बलिदान दिया. हम उनकी बहादुरी और बलिदान को कभी नहीं भूलेंगे."


चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस), जनरल बिपिन रावत ने भी बयान जारी करते हुए कहा कि हंडवारा ऑपरेशन सुरक्षाबलों के उस दृढ़ संकल्प को उजागर करता है जो लोगों के जीवन की सुरक्षा के लिए कटिबद्ध है. कर्नल आशुतोष शर्मा के बलिदान पर सीडीएस ने कहा, ये दर्शाता है कि हमारे कमांडिंग ऑफिसर फ्रंट से लीड करते हैं और स्वंय से पहले सेवा का भाव रखते हैं.


बता दें कि कर्नल आशुतोष को दो बार कश्मीर में ऑपरेशन के लिए वीरता का सेना मेडल मिल चुका था. एक मेडल पिछले साल ही मिला था. कश्मीर में उन्हें 'टाइगर' के नाम से जाना जाता था. मेजर अनुज ने भी अपनी आखिरी इंस्टा पोस्ट में लिखा था कि जैसे जैसे आप उम्र में बढ़ते हैं आपको पता चलता है कि बहादुरी और प्रतिष्ठा से बड़ा कुछ नहीं है...अगर आपमें ये नहीं है तो आप बूट पर लगी मिट्टी की तरह है."


सीडीएस रावत के मुताबिक, "सशस्त्र बलों को अपने साहस पर गर्व है क्योंकि उन्होंने आतंकवादियों को सफलतापूर्वक समाप्त कर दिया है। हम इन बहादुर कर्मियों को सलाम करते हैं और शोक संतप्त परिवारों के प्रति अपनी गहरी संवेदना व्यक्त करते हैं." हाल ही में थलसेना प्रमुख जनरल एम एम नरवणे ने कहा था कि जब पूरी दुनिया कोरोना वायरस से लड़ रही है तब भी पाकिस्तान की कोशिश भारत में आतंकवाद फैलाने की है क्योंकि पिछले चार महीने में पाकिस्तानी सेना की तरफ से रिकॉर्ड युद्धविराम का उल्लंघन हुआ है. एलओसी पर फायरिंग की आड़ में पाकिस्तानी सेना की कोशिश आतंकियों को कश्मीर में घुसपैठ कराने की रहती है.