Delhi Assembly News: दिल्ली विधानसभा परिसर के अंदर हैंगिंग हाउस मिला है. विधानसभा अध्यक्ष राम निवास गोयल ने कहा है कि यह विधान सभा 1926 तक कार्य करती रही और 1912 तक इसे सेंट्रल लेजिसलेटिव असेंबली के रूप में जाना जाता था. सभी तत्कालीन नेता मोतीलाल नेहरू, लाला लाजपत राय यहां बैठते थे. महात्मा गांधी भी यहां दो बार आ चुके हैं. 1926 में लोकसभा यहां से चली गई और उसके बाद इस जगह को कोर्ट में बदल दिया गया. तब लाल किले से क्रांतिकारियों को सुरंग के जरिए यहां लाया जाता था.


साल 2016 में सुरंग मिलने के बाद हैंगिंग हाउस की भविष्यवाणी की गई थी. हमने एक खोखली दीवार को तोड़ा और हमें हैंगिंग हाउस मिला. हम ये नहीं कह सकते कि नीचे क्या है. पुरातत्व विभाग इसके बारे में निरीक्षण करेंगे और उसके बाद इसके बारे में जानकार दी जाएगी. दिल्ली विधानसभा के अध्यक्ष राम निवास गोयल ने बताया, "हम पुरातत्व विभाग को लिखित में इसकी जानकारी देंगे. दिल्ली विधानसभा पर्यटन का हिस्सा बने और लोग इसे आकर देख सकें. हम इस दिशा में धीरे-धीरे आगे बढ़ रहे हैं."




दिल्ली विधानसभा अध्यक्ष रामनिवास गोयल ने यह दावा किया है कि विधानसभा परिसर में फांसी घर मिला है. लम्बे समय से बंद विधानसभा के एक हिस्से में दीवार तोड़ने पर ऐसी जगह सामने आई है. इससे पहले विधानसभा हॉल में एक सुरंग भी मिल चुका है, जिसे लेकर स्पीकर ने दावा किया था कि इसके जरिए क्रांतिकारियों को यहां लाकर फांसी दी जाती थी. राम निवास गोयल ने ये भी कहा कि लिखित में हमारे पास इसका कोई सबूत नहीं है. 






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यहां के कर्मचारियों के बीच इसे लेकर बातचीत होती थी कि यहां एक सुरंग है और एक फांसी घर. जब वो सुरंग मिल गई तो हमने फांसी घर ढूंढ़ना शुरू किया. 3 साल पहले इसके नीचे का दरवाजा मैंने खुलवाया था, लेकिन तब केवल साफ सफाई हुई थी. अब इसकी एक दीवार हमने तुड़वाई है, ये दीवार नई दिख रही थी, केवल प्लास्टर था इसपर. अब इसमें फांसी घर दिख रहा है. यह जांच का विषय है कि यह दीवार कितनी पुरानी है, इसमें जिस लकड़ी का इस्तेमाल हुआ है, वो कितनी पुरानी है.


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उन्होंने कहा कि अभी हमने किसी इतिहासकार से बात नहीं की है. हम उन्हें बुलाएंगे, पुरातत्व विभाग को भी इसे लेकर सूचित करेंगे. इसके नीचे के हिस्से में एक शौचालय है, उसे हम बंद कर रहे हैं और फांसी घर के समानांतर एक कैप्सूल लिफ्ट लगाने की योजना है. फांसी घर को शीशे से बंद रखेंगे, उसकी साफ-सफाई भी नहीं कराएंगे, ताकि उसकी असली  स्थिति बरकरार रहे. सामने एक सीढ़ी भी बना रहे हैं, जिससे भी लोग आकर इसे देख सके. टूरिज्म की दृष्टि से दिल्ली विधानसभा को विकसित करने की हमारी योजना है.