Hanuman Chalisa Row: सांसद नवनीत राणा और उनके पति को फिलहाल कोर्ट से नहीं मिली राहत, जमानत पर सोमवार को आएगा फैसला
Hanuman Chalisa Row: नवनीत राणा की गिरफ्तारी के बाद कोर्ट ने उन्हें 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में भेजा था, लेकिन उससे पहले ही उनकी जमानत याचिका पर सुनवाई हुई है. जिसके बाद अब फैसले का इंतजार है.

Hanuman Chalisa Row Navneet Rana: मुंबई में हनुमान चालीसा विवाद को लेकर गिरफ्तार हुईं निर्दलीय सांसद नवनीत राणा और उनके पति रवि राणा को फिलहाल कोर्ट से राहत नहीं मिली है. कोर्ट ने दोनों की जमानत याचिका पर सुनवाई कर फैसला सुरक्षित रख लिया है. जिसके बाद अब सोमवार को फैसला सुनाया जाएगा. नवनीत राणा की गिरफ्तारी के बाद कोर्ट ने उन्हें 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में भेजा था. तभी से ये दंपत्ति जेल में है. जमानत याचिका पर सुनवाई के दौरान करीब ढाई घंटे तक दोनों पक्षों के वकीलों ने अपनी दलीलें रखीं.
राजद्रोह का मामला हुआ था दर्ज
इससे पहले सांसद नवनीत राणा ने ऐलान किया था कि वो सीएम उद्धव ठाकरे के घर मातोश्री के बाहर हनुमान चालीसा का पाठ करेंगीं. इसके बाद शिवसेना के सैकड़ों कार्यकर्ताओं ने नवनीत राणा के खिलाफ प्रदर्शन किया था. जिसके बाद राणा ने हनुमान चालीसा पढ़ने का प्लान रद्द कर दिया था, लेकिन पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार कर दिया. उनके खिलाफ आरोप लगाया गया कि उन्होंने लोगों की भावनाओं को भड़काने का काम किया. इसके बाद नवनीत राणा के खिलाफ राजद्रोह का मामला भी दर्ज कर दिया गया.
कोर्ट में नवनीत राणा के वकील ने दी ये दलीलें
कोर्ट में सुनवाई के दौरान नवनीत राणा के वकील की तरफ से कहा गया कि, आज्ञाकारी नागरिक शर्तों का उसका पालन करता है. वकील ने शिवसेना कार्यकर्ताओं के प्रदर्शन पर कहा कि, ये लोग इन सभी चीजों को अवॉइड कर सकते थे. जब पुलिस ने राणा को निवेदन किया कि आप मातोश्री मत जाइए और कहा गया कि अगर आप जाएंगे तो लॉ एंड ऑर्डर बिगड़ सकता है. तो उसके बाद वो वहां नहीं गईं.
नवनीत राणा की तरफ से कहा गया कि, कोर्ट ने एक दिन की भी पुलिस कस्टडी नहीं दी, पर जेल में एक हप्ते से ज़्यादा समय से रखा गया है. पुलिस ने कभी भी दोबारा कस्टडी के लिए कोई अर्ज़ी भी नहीं दी. मुझे कोई भी टर्म और कंडीशन दी जाए और मैं किसी भी चीज़ को टेंपर नहीं कर सकती. हर चीज पब्लिक डोमेन में है. किसी भी नागरिक को अधिकार है कि वो अपने बातें कहे, मेरी बातों से कहीं पर भी वायलेंस नहीं हुआ. मैंने तो सिर्फ़ कहा था कि मुझे जाना है और हनुमान चालीसा पढ़नी है.
नवनीत राणा की तरफ से पेश हुए वकील ने राजद्रोह मामले का जिक्र करते हुए कोर्ट में कहा कि, मेरे कहने से किसी व्यक्ति की मान मर्यादा कम होती हो या उसका अपमान होता है यह राजद्रोह नहीं होगा. मेरे ख़याल से यह राजद्रोह का मामला तो है ही नहीं. हम किसी ग्रुप के साथ वहां नहीं गए, हम कोई गुंडे लेकर नहीं गए. हम तो अकेले जाना चाह रहे थे. जो भी भीड़ जमा हुई थी वो सरकार के समर्थन में थी, ना की मेरे समर्थन में जमा थी.
पुलिस ने किया था जमानत का विरोध
इससे पहले अमरावती से सांसद नवनीत राणा के वकील की तरफ से कोर्ट में कहा गया था कि, वो एक चुनी हुई नेता हैं. इसीलिए वो कहीं नहीं भागने वाले. उनकी आजादी नहीं छीनी जानी चाहिए. इस दौरान वकील ने उनकी 8 साल की बेटी का भी हवाला दिया. साथ ही कहा कि उन्हें कुछ शर्तों पर जमानत दी जानी चाहिए. वहीं पुलिस की तरफ से जमानत का विरोध किया गया. पुलिस ने कहा कि, नवनीत राणा और उनके पति रवि राणा के खिलाफ राजद्रोह का मामला दर्ज है, इसीलिए जमानत नहीं दी जानी चाहिए.
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