Navneet Rana: हनुमान चालीसा विवाद को लेकर गिरफ्तार की गईं निर्दलीय सांसद नवनीत राणा और उनके विधायक पति रवि राणा को रविवार को कोर्ट ने 14 दिन के लिए जेल भेज दिया है. दंपति पर राजद्रोह की धारा भी लगाई गई है. राणा दंपति को जेल भेजे जाने के मामले पर कांग्रेस का भी बयान आया है. कांग्रेस ने कहा कि राणा दंपति हो या किरीट सोमैया, इन पर कानून के तहत मामला दर्ज हुआ है. उनके बयान वैमनस्यता फैलाने वाले थे. कानून के तहत गिरफ्तारी हुई है. जबकि इसके ठीक उलट गुजरात में एक विधायक जिग्नेश मेवाणी को एक ट्वीट के लिए बिना शिकायत गिरफ्तार कर लिया गया. राणा दंपत्ति मामले में कानून अपना काम करेगा. बीजेपी से नजदीकी का मतलब कानून से ऊपर होना नहीं होता है..
दूसरी ओर, राणा दंपत्ति का सांताक्रूज पुलिस स्टेशन में मेडिकल परीक्षण चल रहा है. उनका कोविड टेस्ट भी किया जाएगा. अर्थर रोड में कैदियों की संख्या ज्यादा होने की वजह से रवि राणा को तलोजा जेल में रखा जाएगा.
नवनीत और रवि राणा के वकील रिजवान मर्चेंट ने कहा, दूसरे पक्ष के खिलाफ नवनीत और रवि राणा की शिकायत पर खार पुलिस स्टेशन की ओर से एफआईआर दर्ज करने के बाद पुलिस ने नवनीत कौर राणा और उनके पति रवि राणा के खिलाफ एक दूसरी प्राथमिकी आईपीसी की धारा 353 के तहत की है.
यदि घर पर हुई घटना के संबंध में आईपीसी 353 का आरोप लगाया गया था, तो कोई कारण नहीं है कि 500 की पहली एफआईआर में वह आरोप क्यों नहीं जोड़ा गया. अरेस्ट मेमो में भी 353 का आरोप नहीं है. पहली बार, सरकारी वकील प्रदीप घरात ने स्पष्ट रूप से पुलिस विभाग के निर्देश पर तर्क दिया कि आरोपी का मामला 124 ए के तहत आता है, जो देशद्रोह है.
सरकारी वकील राणा दंपत्ति की ओर से कथित तौर पर बोले गए एक भी शब्द को नहीं दिखा पाया. रिमांड अर्जी का एकमात्र सार यह था कि उन्होंने यहां हनुमान चालीसा का जाप करने के मकसद से आने की तैयारी की थी.
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