नई दिल्लीः आज मंगलवार है जिसे बजरंग बली का दिन कहा जाता है और आज ही के दिन दिल्ली चुनाव में भी बजरंग बली की एंट्री हो गयी. एक अंग्रेजी अखबार के मुताबिक भारत के लोग वॉयस असिस्टेंट एलेक्सा से हनुमान चालीसा सुनते हैं और ये फरमाइश एक मिनट में चार बार होती है. ये 2019 का आंकड़ा है, इस आकंड़े से अंदाजा लगाना मुश्किल नहीं है कि हनुमान चालीसा किस तरह भारतीयों के दिल में बसा है और वो उससे जुड़े हुए हैं और यही जुड़ाव हनुमान जी को भारत की राजनीति से भी जोड़ता है.


दिल्ली चुनाव में बीजेपी हिंदू वोटों के ध्रुवीकरण में लगी है तो अरविंद केजरीवाल दोनों तरफ की मलाई खाना चाहते हैं. इसीलिए चुनाव के 4 दिन पहले उन्होंने खुद के हनुमान भक्त होने का कार्ड चल दिया तो जवाब में बीजेपी भी बजरंगबली को लेकर मैदान में उतर गई. दिलचस्प ये है कि जिस दिन दिल्ली चुनाव के नतीजे आएंगे वो भी मंगलवार का दिन है. तो सवाल ये है कि बजरंगबली किसका बेड़ा पार लगाएंगे?


हनुमान भक्तों के लिए हनुमान चालीसा सुनने और गाने से बड़ा कोई सुख नहीं लेकिन ऐसे भक्तों के बारे में क्या कहेंगे जो मौका देखकर भक्ति करते हैं. अरविंद केजरीवाल और मनोज तिवारी की इस हनुमान चालीसा के चुनावी कनेक्शन के बारे में बात करना जरूरी हो जाता है क्योंकि दिल्ली चुनाव में हनुमान जी की एंट्री हो चुकी है और इसकी वजह वोटों की राजनीति है.


हिंदुत्व की पिच पर खेल रही बीजेपी केजरीवाल के लिए मुश्किलें खड़ी कर रही है, कपिल मिश्रा खुल कह चुके हैं कि ये चुनाव 80 फीसदी बनाम 20 फीसदी यानी हिंदू बनाम मुस्लिम का है. शाहीन बाग के बहाने बीजेपी अरविंद केजरीवाल को हिंदू विरोधी बताने में लगी है, इसी पर जब अरविंद केजरीवाल से सवाल किया गया तो उन्होंने कहा कि ''ये रोज कहते हैं कि केजरीवाल एंटी हिंदू है, एंटी हिंदू आदमी लोगों को माता वैष्णो के दर्शन कराएगा क्या? मैने 40 हजार बुजुर्गों को भेजा, ऋषिकेष ले गया, हरिद्वार ले गया, शिरडी लेकर गया, इतनी जगह मैने दर्शन कराए हैं कोई एंटी हिंदू कैसे हो सकता है और बचपन से हनुमान जी का भक्त रहा हूं मैं''. इसके बाद खुद को हनुमान भक्त साबित करने के लिए केजरीवाल हनुमान चालीसा गाने के लिए भी तैयार हो गए.


ऐसे में जब केजरीवाल की हनुमान भक्ति सामने आयी तो मॉडल टाउन से चुनाव लड़ रहे कपिल मिश्रा ने इस पर जवाबी वार किया और कहा कि ''ये नकली हनुमान भक्त और नकली शिवभक्त जो आजतक केवल मुस्लिम वोटबैंक की गंदी राजनीति करते थे, जो कल तक चिल्ला-चिल्लाकर कह रहे थे कि हम शाहीन बाग के साथ हैं-ऐसे केजरीवाल को आज समझ में आ गया है कि दिल्ली के लोग उनकी वोट की राजनीति के खिलाफ एक हो गए हैं इसलिए अब उन्हें हनुमान चालीसा पढ़ना पढ़ रहा है. अच्छी बात है, हनुमान चालीसा पढ़ेंगे तो सदबुद्धि आएगी और चुनाव के बाद जब हार के वो घर में बैठेंगे तो सत्कर्म करेंगे. लेकिन आज दिल्ली और देश की राजनीति बदल चुकी है अब केजरीवाल को भी हनुमान चालीसा पढ़नी पढ़ रही है, राहुल गांधी को भी कुर्ते के ऊपर जनेऊ पहनना पड़ रहा है और ओवैसी को भी हनुमान चालीसा पढ़नी पड़ेगी.''


चुनावी मौसम में केजरीवाल की हनुमान चालीसा पर बीजेपी की तरफ से तीखे हमले हुए. लोकसभा चुनाव में अली और बजरंग बली का बयान देने वाले योगी आदित्यनाथ भी इस लड़ाई में कूद पड़े और बोले कि ''आगे आगे देखिए होता है क्या. योगी आदित्यनाथ ने कहा कि हनुमान चालीसा का पाठ सबको करना है, आज केजरीवाल हनुमान चालीसा का पाठ कर रहे हैं भगवान सद्बुद्धि दें एक दिन ओवैसी भी चालीसा का पाठ करेंगे.


वहीं आम आदमी पार्टी के संजय सिंह ने कहा कि ''क्या बीजेपी हमको बताएगी कि हम को किस भगवान की पूजा करनी है या नहीं करनी और क्या बीजेपी अब पूजा पर भी रोक लगाएगी?" साफ है कि दिल्ली के चुनाव में बजरंग बली की एंट्री 4 दिनों पहले हुई है और इसका असर वोटर्स पर भी देखने को मिल सकता है.