Hanuman Jayanti Violence: 16 अप्रैल को हनुमान जयंती के दिन हरिद्वार के डाडा जलालपुर गांव में निकल रही शोभायात्रा के दौरान दो समुदायों के बीच हिंसा और झड़प हो गई थी. इस गांव में हिंसा और आगजनी की घटना के बाद से ही इलाके में तनाव की स्थिति बनी हुई है. हनुमान जयंती के दिन निकाली गई शोभायात्रा के दौरान हुई हिंसा और आगजनी में कुछ लोगों की दुकानों में तोड़फोड़ की गई और कुछ एक जगहों पर आगजनी की घटनाएं भी हुईं थी. जब इस हिंसा के बारे में एबीपी न्यूज़ ने पड़ताल की तो पता चला इस घटना के बाद यहां के स्थानीय लोगों का कहना है कि आस-पास के लोग इस घटना के बाद गांव से पलायन कर रहे हैं. वहीं जिला मजिस्ट्रेट का कहना है कि इलाके में शांतिपूर्ण माहौल है जबकि सड़कों के किनारे पड़े हुए जले वाहन इस मामले में कुछ और ही कहानी बयां कर रहे हैं.
गांव में रहने वाली फिदोज उस दिन हुए झगड़े के बारे में बताती हैं. वे कहती हैं, "उस दिन ऐसा झगड़ा हुआ गांव में कि हमारी ई रिक्शा में आग लगा दी गई, मेरे देवर की गाड़ी में भी आग लगा दी गई थी. लोग घरों में घुसकर तोड़फोड़ लूटपाट करने लगे थे. गांव में से सभी लोग चले गए हैं, यहां सिर्फ मैं ही हूं. हमारे बच्चों के मन में भी दहशत का माहौल है. हम बहुत परेशान हैं. हमारे बच्चे खाने के लिए भी तरस रहे हैं. इस वक्त हमारे पास कुछ भी नहीं बचा है."
किसी भी तरह का तनाव का माहौल नहीं है: DM
16 अप्रैल को हुई हिंसा पर बात करते हुए हरिद्वार के डीएम विनय शंकर पांडे बताते हैं कि वह घटना अचानक हुई थी, उसके बाद से माहौल शांत है. डीएम विनय कहते हैं, "यहां किसी भी तरह के तनाव का माहौल नहीं है. सबसे अच्छी बात यह रही है कि कई दिनों में किसी भी तरह की कोई शिकायत नहीं मिली है, बल्कि गांव वालों की तरफ से कुछ लिखित में और कुछ टेलीफोन से बताया गया है कि वहां सभी लोग आपसी भाईचारे से रह रहे हैं और लोग नहीं चाहते हैं कि बाहरी व्यक्तियों की यहां दखलअंदाजी हो. इसलिए हम लोगों ने निर्णय लिया है कि हम कोई बाहरी हस्तक्षेप नहीं होने देंगे. गांव के लोग वर्षों से साथ रह रहे हैं, आपस में अमन-चैन और भाईचारा है. गांव में भी किसी के मन में किसी प्रकार की दुर्भावना या बैर नहीं है."
DM ने घर छोड़ने की बात से किया इनकार
डीएम ने बताया ऐसा सुनने में आया कि कुछ लोगों के डर की वजह से गांव छोड़ कर पलायन करने कर रहे हैं लेकिन उन्होंने इस बात को एक सिरे से खारिज कर दिया और कहा ऐसा कोई मामला अभी तक सामने नहीं आया है. डीएम ने बताया, "21 लोगों के विरुद्ध जो एफआईआर हुई थी उसमें 14 लोग अरेस्ट हुए हैं और 7 लोग फरार हैं. हो सकता है वह 7 लोग छोड़कर यहां से चले गए हों क्योंकि जब भी किसी के खिलाफ एफआईआर होती है, तो उसकी जिम्मेदारी है कि वह आईओ के साथ कॉर्पोरेट करें. हो सकता है यह 7 लोग वहीं हो."
हनुमान जयंती के दिन हुई हिंसा में शामिल लोगों की गिरफ्तारी को लेकर काली सेना ने बुलाई थी हिन्दू महापंचायत
काली सेना के राज्य संयोजक दिनेशानंद ने हनुमान जयंती के दिन शोभायत्रा के दौरान पथराव करने वाले मुख्य आरोपी की गिरफ्तारी ना होने और अन्य लोगों पर मामूली धाराओं में मुकदमा दर्ज करने के विरोध में हिंदू महापंचायत का आयोजन किया था. सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद यहां प्रशासन सख्त हुआ और रात में ही दिनेशानंद को उसके कुछ समर्थकों के साथ गिरफ्तार कर लिया गया था. पूरे इलाके में धारा 144 लगा दी गई है किसी भी तरह के आयोजन पर रोक लगा दी गई है.
अब सामान्य हैं हरिद्वार के हालात
हरिद्वार के डीएम विनय शंकर पांडेय का कहना है कि अभी यहां हालात सामान्य शांतिपूर्ण हैं. यहां मंगलवार रात धारा 144 लगा दी गई थी. जो हिन्दू महापंचायत होनी थी उसकी अनुमति नहीं थी इसलिए इस पंचायत का आयोजित होने असम्भव था. इसके लिए यहां पर्याप्त पुलिस बल भी रखा हुआ था, जिससे धारा 144 का सख्ती से पालन कराया जा सके.
हिंदू महापंचायत का आरोप, लोगों पर नहीं हुई कार्रवाई
हिंदू महापंचायत के आयोजन कर्ताओं ने प्रशासन पर आरोप लगाया है कि उन्होंने हनुमान जयंती के दिन हिंसा करने वाले लोगों पर सख्त कार्रवाई नहीं की है. उनका कहना है कि जो मुख्य आरोपी था उसकी गिरफ्तारी नहीं की गई है. उसी के विरोध में हरिद्वार के डाडा जलालपुर गांव में इस पंचायत का आयोजन किया जाना था. लेकिन सुप्रीम कोर्ट के द्वारा राज्य सरकार को निर्देश आने के बाद प्रशासन सख्त हुआ और इस पंचायत के आयोजन से पहले ही आयोजन कर्ताओं को गिरफ्तार कर लिया गया था. अभी मौजूदा वक्त की बात करें तो पूरे गांव में भारी संख्या में पुलिस फोर्स तैनात है.
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