नई दिल्ली: राजस्थान की एक रैली में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री और बीजेपी के फायरब्रांड नेता योगी आदित्यनाथ द्वारा हनुमान को दलित बताये जाने के बाद जाति पर नए सिरे से बहस छिड़ गई है. अब केंद्रीय मंत्री और उत्तर प्रदेश के बागपत से बीजेपी सांसद सत्यपाल सिंह ने कहा कि हनुमान जी आर्य थे. इस बात को मैंने स्पष्ट किया है, उस समय आर्य जाति थी और हनुमान जी उसी आर्य जाति के महापुरुष थे.


केंद्रीय मानव संसाधन विकास (एचआरडी) राज्य मंत्री सत्यपाल सिंह ने कहा, ''भगवान राम और हनुमान जी के युग में, इस देश में कोई जाति-व्यवस्था नहीं थी. कोई दलित, वंचित और शोषित नहीं था. वाल्मिकी रमायण और रामचरित मानस को आप अगर पढ़ेंगे तो आपको मालूम चलेगा की उस समय कोई जाति व्यवस्था नहीं थी.''





ध्यान रहे की योगी आदित्यनाथ ने राजस्थान के अलवर में एक चुनावी जनसभा को संबोधित करते हुए कहा था, ''बजरंगबली एक ऐसे लोग देवता हैं जो स्वयं वनवासी हैं, गिर वासी हैं, दलित हैं और वंचित हैं.''


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योगी इस बयान को अब उन्हीं की पार्टी नेताओं ने खारिज कर दिया है. बीजेपी विधायक सुरेन्द्र सिंह ने पिछले दिनों कहा था कि किसी देवता को जाति से जोड़ना सही नहीं है. वहीं उत्तर प्रदेश के राज्यपाल राम नाईक ने भी आलोचना की थी. उन्होंने कहा था कि अपनी बातों को सभ्यता से रखना और किसी की भावनाओं को ठेस पहुंचाए बिना अपने विचारों को लोगों के सामने रखना लोकतंत्र के लिए बेहद ज़रूरी है.


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'आदिवासी थे हनुमान'
योगी आदित्यनाथ के बयान के बाद राष्ट्रीय अनूसूचित जनजाति आयोग के अध्यक्ष नंद कुमार साय ने हनुमान को अनूसूचित जनजाति का बताया था. उन्होंने कहा था, ''लोग समझते हैं राम की सेना में वानर थे, भालू थे और गिद्ध थे. ऐसा नहीं है. हमारी जनजाति, हमारे समाज में गिद्ध और हनुमान गोत्र हैं. ये तो वो आदिवासी थे जो भगवान राम की लड़ाई में उनके साथ गए थे.''