Independence Day 2023: भारत और पाकिस्तान इस साल अपना 77वां स्वतंत्रता दिवस मना रहे है. इस बीच पाकिस्तान के मुजफ्फराबाद के एक 70 वर्षीय व्यक्ति ने अपनी मां को देखने की "अंतिम इच्छा" व्यक्त की है. शख्स ने कहा कि जब उसकी मां सात महीने की गर्भवती थी जब उसे जबरन बाहर निकाल दिया गया था.


पाकिस्तान से फोन पर टीओआई से बात करते हुए मुजफ्फराबाद के पूर्व डिप्टी मेयर मुदस्सर इफ्तिखार अवान ने कहा कि उनकी मां आतम कौर, जो पट्टिका सिखन गांव (अब पीओके में) की रहने वाली थी. उनके पिता मोहम्मद अयूब से प्रेम विवाह किया था.


मां ने इस्लाम कर लिया था कबूल 
अवान ने बताया कि उनकी मां ने खुद की मर्जी से इस्लाम कबूल कर लिया और अपना नाम बदलकर शमीम अख्तर रख लिया. अवान ने कहा कि उनकी मां को 1956 में मुजफ्फराबाद से अधिकारियों से जबरदस्ती जम्मू और बाद में मुजफ्फराबाद से अन्य शरणार्थियों के साथ देहरादून ले जाया गया. वह सिर्फ तीन साल का था जबकि उसका भाई इजाज सिर्फ डेढ़ साल का था जब परिवार टूट गया.


अवान ने कहा, “मैं और मेरा भाई यह समझने के लिए बहुत छोटे थे कि क्या हो रहा है. एक साल के अंदर ही मेरे पिता का निधन हो गया. हमारा पालन-पोषण हमारी दादी ने किया. जब मैं कॉलेज में था, तो उन्होंने मुझे बताया कि देहरादून पहुंचने के बाद मेरी मां ने वापस सिख धर्म अपना लिया और उन्होंने हमारी बहन जोगिंदर कौर को जन्म दिया. उन्होंने 1957 में मुजफ्फराबाद में हमारे पिता को उनकी तस्वीरों के साथ पत्र भेजकर इसकी जानकारी दी थी. तब से, मैं मरने से पहले अपनी मां और बहन को देखने या कम से कम उनकी आवाज सुनने के लिए उत्सुक हूं.''


सोशल मी​डिया में किया गया था पोस्ट 
अवान अपने परिवार के साथ फिर से मिलने की कोशिश करते रहते है. हाल ही उनकी इसी कोशिश पर पाकिस्तान के सोशल मीडिया इनफ्लूसर नासिर ढिल्लों का ध्यान गया. जिसके बाद ढिल्लों ने अवान के भतीजे अफनान मलिक से इसके बारे पता किया. ढिल्लों ने 11 अगस्त को अपने ट्विटर और फेसबुक अकाउंट पर अवान की समस्या के बारे में पोस्ट किया.


केवल तस्वीरों के माध्यम से जानते हैं मां और बहन
ढिल्लों ने कहा कि अवान और उसका भाई अपनी मां और बहन को सिर्फ तस्वीरों में ही जानते हैं. उनके नुकसान और लालसा की कहानी जनता तक पहुंचनी चाहिए. अवान की कहानी जानने के बाद, देहरादून स्थित कांग्रेस नेता और यूनाइटेड सिख फेडरेशन के प्रदेश अध्यक्ष अमरजीत सिंह ने भी देहरादून और पंजाब में सिख समूहों में जानकारी साझा की.


अमरजीत सिंह ने कहा, हम उसकी मां और बहन का पता लगाने की पूरी कोशिश कर रहे हैं. हम बस यही उम्मीद करते हैं कि हमारे प्रयास परिणाम देंगे क्योंकि यह मानवता में विश्वास बहाल करेगा और पुराने घावों को भर देगा.


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