Hapur Factory Blast: दोस्त के लिए लेने गया था खाना, लौटा तो खून से लथपथ मिली लाश, जिंदा बचे मजदूर की आंखों-देखी
इस फैक्ट्री का लाइसेंस दिलशाद नाम के शख्स ने लिया था, लेकिन जिसके नाम से लाइसेंस दिया गया था वो फैक्ट्री नहीं चला रहा था बल्कि दिलशाद ने वसीम नाम के शख्स को फैक्ट्री किराए पर दी थी.
Hapur Factory Blast: यूपी के हापुड़ के औद्योगिक क्षेत्र (Hapur Industrial Area) धौलाना (Dhaulana) में कल हुए ब्लास्ट में अब तक 13 मजदूर जान गंवा चुके हैं जबकि 15 से ज्यादा मजदूर अभी भी जिंदगी और मौत के बीच जंग लड़ रहे हैं. घायलों को दिल्ली, मेरठ, गाजियाबाद के अलग अलग अस्पतालों में भर्ती कराया गया है. लेकिन इस घटना के बाद कई सवाल हैं जिनके जवाब प्रशासन को देने हैं.
बताया जा रहा है कि रूही इंडस्ट्रीज नाम की फैक्ट्री में ये हादसा हुआ है. इस फैक्ट्री का लाइसेंस एक साल पहले दिलशाद नाम के शख्स ने लिया था, लेकिन दिलचस्प ये है कि जिसके नाम से लाइसेंस दिया गया था वो फैक्ट्री नहीं चला रहा था बल्कि दिलशाद ने वसीम नाम के शख्स को फैक्ट्री किराए पर दे दी थी. वसीम ही इस फैक्ट्री को चला रहा था. धमाके में वसीम को भी चोटें आई हैं.
क्या बोलीं जिले की डीएम मेधा रूपम ?
एबीपी न्यूज़ से बात करते हुए जिले की डीएम मेधा रूपम ने माना कि इस फैक्ट्री में इलेक्ट्रॉनिक उपकरण बनाने का लाइसेंस लिया गया था, लेकिन फैक्ट्री में कुछ और बनाया जा रहा था. हालांकि ये जांच का विषय है. फोरेंसिक टीम ने ब्लास्ट साइट से कई सैंपल लिए हैं, जिनकी जांच के बाद ही पता चलेगा कि फैक्ट्री में क्या बनाया जा रहा था.
एबीपी न्यूज की टीम ने जब साइट का मुआयना किया तो यहां बच्चों की बंदूक में भरे जाने वाले पटाखे के खोल दिखाई दिए. फैक्ट्री के अंदर भी पटाखों के बंडल अस्त व्यस्त पड़े हुए थे. फैक्ट्री में काम करने वाले कर्मचारी ने भी फैक्ट्री में पटाखों की मैन्युफैक्चरिंग की बात कबूली. फैक्ट्री में बनी ईंट की दीवारें, और ऊपर टिन की शेड के परखच्चे उड़ गए थे. साथ ही आसपास के 200 मीटर रेडियस के अंदर इमारतों के शीशे भी चकनाचूर हो गए. इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि धमाका कितना जोरदार था.
फैक्ट्री धमाके में महताब की आंखों देखी
फैक्ट्री में ही काम करने वाले मोहम्मद महताब ब्लास्ट होने से कुछ देर पहले ही फैक्ट्री से निकलकर अपने मजदूर दोस्तों के लिए खाना लेने गए थे. लेकिन थोड़ी देर बाद ही उनके मजदूर दोस्त का फोन आया की फैक्ट्री में धमाका हो गया है, सब मर गए हैं. मेहताब भागते भागते फैक्ट्री पर पहुंचते हैं और जिन दोस्तों के लिए उनके हाथ में रोटी थी अब वही दोस्त खून से लथपथ जमीन पर पड़े थे.
हालांकि कल हुए ब्लास्ट के बाद अब प्रशासन की टीम जग गई है. हापुड़ डीएम मेधा रूपम हापुड़ के औद्योगिक इलाके की दूसरी फैक्ट्रियों का निरीक्षण करने पूरे दलबल के साथ निकली. डीएम के साथ इलाके के चीफ फायर ऑफिसर, श्रम विभाग के अधिकारी भी मौजूद रहे. डीएम मेधा रूपम ने एबीपी न्यूज़ को बताया कि यहां पर 2000 से ज्यादा फैक्ट्री हैं.
धमाके के बाद क्या कर रहा है प्रशासन ?
हमारी टीम फैक्ट्री में जाएगी और जरूरी कागजात की जांच करेगी. साथ ही इसकी भी पड़ताल की जाएगी कि जिस व्यक्ति को लाइसेंस दिया गया है, फैक्ट्री का संचालक भी वही हो. कल के हादसे पर डीएम ने बताया कि पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है. जिसके नाम पर फैक्ट्री का लाइसेंस दिया गया था उसकी तलाश जारी है, साथ ही वसीम जो फैक्ट्री चला रहा था उसको भी तलाशा जा रहा है.
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