Jitendra Awhad Case: राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के विधायक और महाराष्ट्र सरकार में मंत्री रह चुके जितेंद्र आव्हाड समेत पार्टी के 100 कार्यकर्ताओं के खिलाफ ठाणे पुलिस ने देर रात मामला दर्ज किया है. यह मामला उनके खिलाफ इसलिए दर्ज हुआ है क्योंकि जितेंद्र अव्हाड अपने कार्यकर्ताओं के साथ ठाणे स्थित विवियाना मॉल के अंदर बने थियेटर में घुस गए. वहां मौजूद दर्शकों को “हर हर महादेव” फिल्म देखने नहीं दी और दर्शकों के साथ मारपीट भी की.
इसी मामले में शिकायत करने वाले परीक्षित धुर्वे फिल्म देखने आए थे उन्होंने अपने बयान में वर्तक नगर पुलिस को बताया, "7 नवंबर रात 10 बजे के करीब जब वो अपनी पत्नी के साथ फिल्म देख रहे थे तभी आव्हाड अपने कार्यकर्ताओं के साथ थियेटर में फिल्म बंद करने के उद्देश्य से पहुँचें और वहाँ लोगों से कहने लगे की इस फिल्म में गलत जानकारी दिखाई जा रही है. इस वजह से इस फिल्म को तुरंत बंद करो".
फिल्म बंद करने की दी धमकी
FIR के मुताबिक शिकायत करने वाले ने बताया, "किसी दर्शक ने कहा ऐसे कैसे कोई भी ऐरा गैरा आकार फिल्म बंद करवा सकता है". इस बात को सुनते ही वहां आए एनसीपी के कार्यकर्ता गुस्सा हो गए और वहां मौजूद दर्शकों के नजदीक जाकर उन्हें धमकाने लगे. तभी सबसे पहले शिकायत करने वाले और उनकी पत्नी के नजदीक 8-10 लोग आये. उन लोगों के साथ धक्का मुक्की की और मारपीट की.
अलग-अलग धाराओं के तहत FIR दर्ज
शिकायत के आधार पर वर्तक नगर पुलिस ने जितेंद्र अव्हाड समेत लगभग 100 कार्यकर्ताओं के खिलाफ आईपीसी की धारा 141,143, 146,149, 323, 504 और महाराष्ट्र पुलिस की धारा 37(3) और 135 के तहत मामला दर्ज किया. इसी विषय पर राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के युवा नेता महबूब इब्राहिम शेख ने ABP न्यूज़ से बातचीत की और बताया, "हर हर महादेव नाम की फिल्म में छत्रपति शिवाजी महाराज के इतिहास को गलत तरीके से पेश किया गया है."
"हमारे नेता जितेंद्र अव्हाड ने इसका विरोध किया है. जितने भी दर्शक थे उनसे विनती कर रहे थे. उनके साथ मारपीट नहीं की है. हम इस संदर्भ में लीगल एक्शन लेने की तैयारी में भी हैं. बीजेपी सरकार में हैं और पार्टी ने हमेशा ही छत्रपति शिवाजी महाराज के इतिहास को गलत तरीके से पेश किया है."
सेंसर बोर्ड ने स्पष्टीकरण दिया है
फिल्म के डायरेक्टर अभिजीत देशपांडे ने बताया, "हमारा जो स्टैंड था वो हमने सेंसर बोर्ड के सामने रखा था. हमसे सेंसर बोर्ड ने कुछ सवाल पूछे थे जिसका जवाब हमने संबंधित इतिहास में लिखे पन्ने को दिखाकर दिया, जिसके बाद ही सेंसर बोर्ड ने प्रमाणपत्र दिया. इसी वजह से मैं ज्यादा कुछ नहीं कहूँगा. जिस पॉइंट का विरोध किया जा रहा है वो सारे पॉइंट्स के बारे में हमने सेंसर बोर्ड स्पष्टीकरण दिया है और सारी बातों का जवाब हम नहीं देंगे, लेकिन एक आधिकारिक बयान जारी किया जाएगा. यह फिल्म प्रसिद्ध इतिहासकार कृष्णजी अर्जुन केलुस्कर ने 1905 में लिखी पुस्तक के आधार पर है."
राज्य की तमाम जनता को मुझे बताना है की यह फिल्म देखिए, जो लोग इस फिल्म का विरोध कर रहे हैं उन्होंने यह फिल्म नहीं देखी होगी. इस फिल्म को लोगों ने शनिवार और रविवार को अच्छा रिस्पांस दिया है. अगर गलत है सरकार कानूनी करवाई करेगी. इस फिल्म में एक भी अपशब्द का इस्तेमाल नहीं किया गया है, हम छत्रपति संभाजी राजे को इस फिल्म को देखने के लिए निमंत्रण देने वाले हैं.
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