Uttarakhand Election 2022: उत्तराखंड में विधानसभा चुनाव (Uttarakhand Assembly Election) से ठीक पहले एक और राजनीतिक भूचाल देखने को मिल रहा है. उत्तराखंड में कैबिनेट मंत्री रहे हरक सिंह रावत भारतीय जनता पार्टी से निकाले जाने पर दुखी हैं. एबीपी न्यूज ने डॉ हरीक सिंह रावत से खास बातचीत की वो कहते हैं कि मुझे प्रह्लाद जोशी जी ने दिल्ली बुलाया इसलिए मैं यहां आया.
दिल्ली आकर मुझे पता चला कि मुझे पार्टी से निकाल दिया गया है. पहले तो मुझे लगा कि यह फर्जी समाचार है. लेकिन पुष्टि होने पर ये बात सच निकली. रावत का आरोप है कि कैबिनेट मंत्री रहते हुए उन्हे पांच साल तक अपमानित किया गया और कोई भी काम नहीं करने दिया गया. उन्होंने कहा कि हर तरह से पार्टी काम करने से रोकती थी. मेरी आत्मा मर जाती थी. मैं सेंट्रल स्कूल मांग रहा था लेकिन वह नहीं बन पाया.
बीजेपी के लोग आडंबर की जिंदगी जीते हैं
हरक सिंह रावत ने कहा कि बीजेपी के लोग आडंबर की जिंदगी जीते हैं उनका वास्तविकता से कोई भी लेना देना नहीं है. ये लोग झूठे और मक्कार हैं. अपने ऊपर लगे आरोपों के स्पष्टीकरण में रावत कहते हैं कि मैंने बहु अनुकृति के लिए टिकट मांगने में कोई ज़िद नही की थी, मैंने कहा था कि वो काम कर रही है तो मेरी बहु होने के कारण उसे मौका देने से पीछे ना हटा जाए और अगर काम नहीं कर रही तो मेरे कारण मौका दिया भी ना जाए.
रावत बीजेपी पर आरोप लगाते हुए कहते हैं कि ये लोग भाई भतीजावाद को बढ़ावा देते हैं, ये कहां के सिद्धांतों की बात करते हैं. इन लोगों ने पंकज को एमएलए का टिकट दिया है. इन्होंने मुन्ना चौहान और उसकी पत्नी को भी टिकट दिया है. भावुक मंत्री रावत आगे कहते हैं कि उनके ये आंसू, दुख और पीड़ा के कारण हैं. मुझे दुख इस बात का है कि इतने बड़े देश को चलाने वाले लोग ऐसे किसी को कैसे अपमानित कर सकते हैं.
राहुल गांधी अच्छे नेता हैं
रावत आगे कहते हैं कि 2016 में अमित शाह ने मुझे बुलाया मैं सब कुछ छोड़ कर आ गया था. मैं बचपन में भी बीजेपी में ही था. रावत आगे बताते हैं कि कई वर्षों पहले मैंने राहुल जी को मंच पर कहा था कि राहुल जी जो आपने पार्लियामेंट में भाषण दिया था वह मुझे पसंद नही आया था लेकिन गढ़वाल विश्वविद्यालय में जिस तरह से आपने छात्र छात्राओं को जवाब दिया उससे मैं मान गया हूं कि आप अच्छे नेता हैं.
अब कहां से लड़ना चाहेंगे और क्या कांग्रेस में आए तो बहु को टिकट दिलवाएंगे इस सवाल पर रावत कहते हैं कि मेरे इतने बुरे दिन नहीं आए हैं कि मैं टिकट मांगूगा. उन्होंने कहा कि वह उत्तराखंड के विकास के लिए गिलहरी की तरह काम करेंगे.