नई दिल्ली: हरियाणा सरकार ने शिक्षा और सरकारी नौकरियों में आरक्षण की मांग कर रहे जाट समुदाय के सदस्यों द्वारा 2016 में किए आंदोलन के संबंध में दर्ज मामलों में से 400 से ज्यादा मामलों पर कार्रवाई ना करने का फैसला किया है.
आंदोलन से जुड़े एक मामले में फिर शुरू हुई सुनवाई के दौरान सरकार ने पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय को बताया कि उसने मामले वापस लेने की मांग की है.
हरियाणा के महाधिवक्ता बी आर महाजन ने कहा , ‘‘ हमने बयान दिया है कि राज्य सरकार 407 मामलों में अगली सुनवाई की तारीख तक आगे नहीं बढ़ेगी जिनमें मामले वापस लेने की मंजूरी दी गई. ’’
सुनवाई के दौरान न्याय मित्र अनुपम गुप्ता ने आगजनी और हिंसा से जुड़े मामलों समेत अन्य मामले वापस लेने के राज्य सरकार के कदम पर आपत्ति जताई.
न्यायमूर्ति ए के मित्तल और न्यायमूर्ति टी एस ढिंडसा की खंडपीठ ने मामले की अगली सुनवाई के लिए 12 जुलाई की तारीख तय की.