Harbhajan Singh Exclusive Conversation with ABP News: टीम इंडिया (Team India) के पूर्व क्रिकेटर और आम आदमी पार्टी (AAP) से राज्यसभा सांसद हरभजन सिंह (Harbhajan Singh) ने पंजाब क्रिकेट एसोसिएशन (PCA) में धांधली किए जाने का आरोप लगाया है. हरभजन सिंह ने एसोसिएशन के अध्यक्ष गुलजार इंद्र सिंह चहल (Gulzar Inder Singh Chahal) के खिलाफ गंभीर आरोप लगाए हैं. चहल पंजाब (Punjab) के मुख्यमंत्री भगवंत मान (Bhagwant Mann) के करीबी बताए जाते हैं.
हरभजन सिंह ने पंजाब क्रिकेट एसोसिएशन में बड़े स्तर पर फर्जी मेंबरशिप और गैर कानूनी गतिविधियों के चलने की शिकायत सीएम मान और 'आप' संयोजक अरविंद केजरीवाल से की है. भज्जी ने पीसीए स्टेक होल्डर के नाम एक खुला खत भी लिखा है, जिसमें उन्होंने कहा है कि 150 लोगों को गैर कानूनी तरीके से सदस्यता दी गई. हरभजन सिंह पीसीए के चीफ एडवाइजर हैं और एसोसिएशन के अध्यक्ष गुलजार इंद्र चहल उनके करीबी दोस्त रहे हैं. मामले को लेकर हरभजन सिंह ने एबीपी न्यूज ने एक्सक्लूसिव बातचीत की. आइये जानते हैं भज्जी ने क्या कहा.
एबीपी न्यूज से एक्सक्लूसिव बातचीत में हरभजन सिंह ने यह कहा
भज्जी ने कहा- मेरे पास बहुत से लोगों की शिकायत आई थी कि पीसीए में बहुत कुछ गलत हो रहा है क्योंकि मैं पीसीए का चीफ एडवाइजर हूं और राज्यसभा का मेंबर हूं, इसलिए यह मेरी जिम्मेदारी बनती है कि अगर कुछ गलत हो रहा है तो उसके बारे में जांच पड़ताल होनी चाहिए.
जब मैंने पता किया तो देखा कि वाकई वहां पर बहुत से गलत काम हो रहे थे. केवल अपने आप को कायम रखने और पीसीए पर कब्जा करने के लिए के लिए 120 लोगों को मेंबर बनाया जा रहा था. इस मामले पर हमने पीसीए को कहा है कि जो गलत काम हो रहा है उसको रोका जाए, जो नए मेंबर भर्ती किए जा रहे हैं उनको रोका जाए. उन लोगों के पैसे भी जमा करवा लिए गए हैं और इन लोगों के सिर पर कोई असर नहीं हो रहा है.
इस मामले में हमें बीसीसीआई और पंजाब के मुख्यमंत्री को भी शिकायत देनी है. अगर ऐसा होता रहा तो क्रिकेट कैसे आगे बढ़ पाएगी. क्रिकेट को साफ रखने के लिए काम करना जरूरी है.
ऐसे हुई धांधली
जब किसी को मेंबर बनाना है तो सबसे पहले ऑप्टिक्स काउंसिल के सामने हमें मुद्दा रखना पड़ता है. वे पास करते हैं कि कितने सदस्य हों और किसको मेंबर बनाना है. काउंसिल से मंजूरी मिलने के बाद आमंत्रण भेजे जाते हैं. यहां पर एपेक्स काउंसिल के साथ कोई मीटिंग नहीं हुई और न ही किसी गवर्नर कमेटी के साथ या चीफ एडवाइजर के साथ कोई बातचीत हुई. सीधे उनको इनवाइट भेज दिए गए. इसमें केवल अपने ही खास लोगों को इनवाइट भेजे गए और उनको वोटिंग राइट दिए गए ताकि अगर आगे जरूरत पड़े तो वे वोटों में जीत सके और पीसीए पर कब्जा कायम रखा जा सके.
ये चाहते हैं सभी जगह पर इनका कब्जा रहे और आने वाले वर्षों में भी कोई इनको हटा ना सके. अगर कोई भी मुद्दा है तो वह एपेक्स काउंसिल के अधीन और जर्नल बॉडी के अधीन लाना चाहिए. उसके बाद ही इस मामले पर कोई कार्रवाई हो सकती है. जो प्रधान ने चाहा, वहीं उन्होंने कर दिया. इस मामले पर ध्यान नहीं दिया गया. अगर ऐसे लोग ही आगे रहे तो आम लोग आगे नहीं आ पाएंगे और आम लोग कभी सोच भी नहीं पाएंगे कि हम यहां तक पहुंच पाए.
इसलिए लिखा खुला पत्र
मैंने गुलजार इंद्र चहल के साथ बात की थी और जब वह नहीं माने तो उसके बाद मुझे यह लिखना पड़ा. जब मेरी गुलजार इंदर सिंह से बात हुई थी तो उन्होंने कहा था कि अब तो यह काम हो गया, आगे से देख लेंगे. जो नए राइट दिए जा रहे हैं, बिल्कुल गलत दिए जा रहे हैं या नहीं देने चाहिए. इन लोगों ने इनवाइट भेज दिए हैं और उन लोगों से पैसे मंगवा लिए गए हैं. जो अकाउंट हैं, उनमें पैसे जमा हो चुके हैं. जिन लोगों से पास करवाना था, उनसे पास नहीं करवाया गया और केवल एक बंदे ने ही डिसीजन ले लिया. ये लोग पीसीए को कैप्चर करने की चाहत रख रहे हैं. अगर कभी कल को इलेक्शन हो तो ये कभी न हारें.
इनको चाहिए था कि ये पब्लिकली सब से पूछते कि अगर किसी को मेंबर बनना है तो वह आए. उन्होंने केवल अपने दोस्तों और रिश्तेदारों को ही मेंबर बनाया. जब गुलजार इंद्र को प्रेसिडेंट बनाया गया तो उनका चेहरा कुछ और था और आज कुछ और है. अब वह चाहता है कि वही प्रेसिडेंट बना रहे. इसे हम एक अच्छा काम करने के लिए लेकर आए थे लेकिन अब यह फेल हो चुका है और यह इस काबिल नहीं है कि पीसीए को चला सके.
ऑस्ट्रेलिया-भारत के मैच को लेकर भी आई थीं शिकायतें
पिछले दिनों जब ऑस्ट्रेलिया और भारत का मैच हुआ था तो उसमें भी बहुत सी शिकायतें आईं थी कि टिकटों को लेकर बहुत से घोटाले हुए हैं. इसे मेरे पास शिकायतें भेजी गई हैं लेकिन अभी तक उस पर कार्रवाई करना बाकी है, जो आने वाले दिनों में हम बताएंगे.
जो भी पुराने मेंबर बैठे हैं, वे चुप रहने वाले नहीं है. जब भी इस मैच का ऑडिट होगा तो आप देखना बहुत सी चीजें इस मामले में सामने आएंगी. मेरा काम था कि सभी के ध्यान में यह मुद्दा आए और इस मामले में जो सही है, वह हो सके. फाइनल डिसीजन पीसीए को लेना है.
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