New Parliament Inauguration: 'विवाद खड़ा करना कांग्रेस की आदत', नए संसद भवन पर थरूर के वार पर केंद्रीय मंत्री हरदीप पुरी का पलटवार
New Parliament: पीएम मोदी के हाथों होने वाले संसद के नए भवन के उद्घाटन को लेकर कांग्रेस ने बीजेपी को घेरा है. बीजेपी की ओर से पलटवार किया जा रहा है. 28 मई को नए संसद भवन का उद्घाटन होना है.
Hardeep Singh Puri On Congress: संसद के नए भवन के उद्घाटन को लेकर कांग्रेस और बीजेपी के बीच वार-पलटवार दिख रहा है. शेड्यूल के मुताबिक, 28 मई को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी संसद के नए भवन का उद्घाटन करेंगे लेकिन उससे पहले कांग्रेस नेताओं की ओर से मांग की गई है कि यह काम राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के हाथों किया जाना चाहिए.
कांग्रेस नेता राहुल गांधी के बाद पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने सोमवार (22) को एक ट्वीट थ्रेड के जरिये राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से ही संसद के नए भवन का उद्घाटन कराने की मांग करते हुए केंद्र सरकार को घेरा. कांग्रेस अध्यक्ष के बयान का उनकी पार्टी के तिरुवनंतपुरम से सांसद शशि थरूर ने समर्थन किया तो केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने पलटवार किया.
हरदीप सिंह पुरी का कांग्रेस पर निशाना
आवास, शहरी मामलों, पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस के केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने सोमवार (22 मई) को कांग्रेस सांसद शशि थरूर के ट्वीट को शेयर करते हुए पलटवार में कहा, ''कांग्रेस की आदत है कि जहां नहीं होता हैं वहां विवाद खड़ा कर देती है. राष्ट्रपति देश के प्रमुख होते तो वहीं प्रधानमंत्री सरकार के प्रमुख होते हैं और सरकार की ओर से संसद का नेतृत्व करते हैं, जिनकी नीतियां कानून के रूप में लागू होती हैं. राष्ट्रपति किसी भी सदन के सदस्य नहीं हैं जबकि पीएम हैं.''
Congress has a habit of raking controversies where none exist. While President is the Head of State, PM is the Head of Govt & leads the Parliament on behalf of the Govt, whose Policies are effected in form of Laws. The President is not a Member of either House, whereas PM is. pic.twitter.com/73Ns7NP8EK
— Hardeep Singh Puri (@HardeepSPuri) May 22, 2023
क्या कहा शशि थरूर ने?
कांग्रेस नेता शशि थरूर ने मल्लिकार्जुन खरगे का ट्वीट शेयर करते हुए लिखा, ''हां, मल्लिकार्जुन खरगे साहब सही हैं. भारतीय संविधान के अनुच्छेद 60 और 111 यह स्पष्ट करते हैं कि राष्ट्रपति संसद के प्रमुख हैं. यह काफी अजीब था कि जब (नए संसद भवन का) निर्माण शुरू हुआ तो प्रधानमंत्री ने भूमि पूजन समारोह और पूजा की लेकिन उनके (PM) लिए और राष्ट्रपति की ओर से भवन का उद्घाटन नहीं किए जाने को लेकर यह पूरी तरह से समझ से बाहर (और यकीनन असंवैधानिक) है.
मल्लिकार्जुन खरगे क्या बोले?
कांग्रेस अध्यक्ष ने सोमवार को ही एक ट्वीट थ्रेड में लिखा, ''ऐसा लगता है कि मोदी सरकार ने केवल राजनीतिक कारणों से अनुसूचित जाति और आदिवासी समुदायों से भारत के राष्ट्रपति का चुनाव सुनिश्चित किया. वहीं, पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को नई संसद के शिलान्यास समारोह में आमंत्रित नहीं किया गया था. भारत की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को नए संसद भवन के उद्घाटन के लिए आमंत्रित नहीं किया जा रहा है.''
कांग्रेस अध्यक्ष ने ट्वीट में आगे लिखा, ''संसद भारतीय गणराज्य की सर्वोच्च विधायी निकाय है और राष्ट्रपति सर्वोच्च संवैधानिक पद है. वह (राष्ट्रपति) अकेले ही सरकार, विपक्ष और हर नागरिक का समान रूप से प्रतिनिधित्व करती हैं. वह भारत की प्रथम नागरिक हैं. उनकी ओर से नए संसद भवन का उद्घाटन किया जाना लोकतांत्रिक मूल्यों और संवैधानिक मर्यादा के प्रति सरकार की प्रतिबद्धता को दिखाएगा. मोदी सरकार संवैधानिक मर्यादा का बार-बार अनादर करती है और बीजेपी-आरएसएस सरकार के तहत भारत के राष्ट्रपति का पद प्रतीकवाद तक सिमट गया है.''
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