Hardeep Puri News: भारत के केंद्रीय पेट्रोलियम मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने हाल ही में CNN को एक इंटरव्यू दिया, जिसमें उन्होंने रूस से तेल खरीदने के भारत के फैसले पर बात की. उन्होंने कहा कि रूस से तेल खरीदने की वजह से ग्लोबल लेवल पर कीमतों को न बढ़ने में मदद मिली. बीते गुरुवार (7 नवंबर) को अबू धाबी में वार्षिक ऊर्जा उद्योग कार्यक्रम ADIPEC के मौके पर CNN के बेकी एंडरसन इंटरव्यू में कहा कि अगर भारत सरकार ने रूसी तेल नहीं खरीदा होता तो वैश्विक तेल की कीमत 200 डॉलर तक बढ़ जाती.
इंटरव्यू में हरदीप सिंह पुरी ने कहा कि आने वाले सालों में तेल दुनिया की ऊर्जा आपूर्ति का एक महत्वपूर्ण हिस्सा बना रहेगा. पहले मैंने कहा था कि मुझे उम्मीद है कि तेल की कीमत में कमी होगी. वहीं 2026 तक तेल की कीमतों में स्थिरता बने रहने और नीचे आने की संभावना अधिक है. उनसे इंटरव्यू में पूछा गया कि भारत ने अक्टूबर में रूस से तेल आयात में लगभग 10 फीसदी की कमी क्यों की? इस पर उन्होंने कहा कि बाजार में कंपेटिशन की वजह से ऐसा हुआ है.
भारत ने दुनिया पर किया एहसान- हरदीप सिंह
हरदीप सिंह से पूछा गया कि क्या रूसी तेल आयात में कटौती एक राजनीतिक फैसला था. इस पर उन्होंने कहा कि ये फैसले बाजार की स्थिति को देखते हुए लिए गए थे. 22 फरवरी को बाजार में 13 मिलियन बैरल रूसी तेल था. उस वक्त अगर भारत ने खाड़ी में अपने 5 मिलियन बैरल आपूर्तिकर्ताओं को ट्रांसफर करने का फैसला लिया होता तो तेल की कीमत 200 प्रति बैरल तक बढ़ जाती, इसलिए मुझे लगता है कि हमने हर किसी पर एहसान किया है. इसके अलावा पुरी ने एक्स पर ट्वीट किया कि भारत ने रूसी तेल खरीदकर पूरी दुनिया पर एहसान किया क्योंकि अगर हमने ऐसा नहीं किया होता तो वैश्विक तेल की कीमतें 200 अमेरिकी डॉलर प्रति बैरल तक बढ़ जाती. रूसी तेल कभी भी किसी प्रतिबंध के अधीन नहीं था और केवल एक मूल्य सीमा थी, जो भारतीय संस्थाओं ने भी इसका अनुसरण किया.
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