गुजरात कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष हार्दिक पटेल (Hardik Patel) ने सत्तारूढ़ दल बीजेपी सरकार को चेतावनी देते हुए कहा कि, "साल 2015 के पाटीदार आंदोलन के दौरान दर्ज किए सभी आपराधिक मामले अगर 23 मार्च तक वापस नहीं लिए गए तो वो पूरे प्रदेश में प्रदर्शन करेंगे." 


दरअसल, साल 2015 में पाटीदार समुदाय को अन्य पिछड़ा वर्ग (OBC) के तहत (Reservation) की मांग को लेकर आंदोलन हुआ था जिसके बाद कई युवाओं के खिलाफ मामले दर्ज किए गए थे. उन्होंने पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि, "प्रदेश में जब आनंदीबेन पाटेल मुख्यमंत्री थीं तो वादे के मुताबिक उनकी सरकार ने 140 मामले वापस लिए थे. वहीं उनके बाद सीएम विजय रुपाणी ने बचे अन्य मामलों को वापस लेने का वादा किया जो अब तक पूरा नहीं किया गया है." उन्होंने कहा कि, "इस वक्त 4 हजार युवाओं के खिलाफ करीब 200 मामले लंबित पड़े हैं." 






'पाटीदार युवाओं को किया जा रहा परेशान' 


हार्दिक पटेल ने दावा किया है कि, इस मुद्दे पर कुछ महीने पहले भूपेंद्र पटेल के गुजरात के मुख्यमंत्री बनने के बाद समुदाय के प्रमुख पाटीदार नेताओं और सांसदों ने एक अभ्यावेदन दिया था. हार्दिक पटेल ने कहा, "पाटीदार युवाओं के खिलाफ झूठे मामले दर्ज होने के कारण उन्हें परेशान किया जा रहा है. अभ्यावेदन देने के बावजूद अब तक मुख्यमंत्री ने कुछ नहीं किया है." ओबीसी कोटा के तहत पाटीदारों को लाने के लिए 2015 में प्रदर्शनों की अगुवाई करने वाले हार्दिक ने दावा किया कि गुजरात में उन पर 30 मामले दर्ज हैं जिनमें से दो प्राथमिकियां राजद्रोह के लिए हैं.
 
बीजेपी ने किया पलटवार


वहीं दूसरी तरफ हार्दिक पर पलटवार करते हुए बीजेपी प्रवक्ता ने कहा कि गुजरात सरकार ने प्रदर्शनकारियों के खिलाफ लगभग 80 फीसदी मामले वापस ले लिए हैं. उन्होंने कहा, "हार्दिक और कांग्रेस दोनों ने गुजरात में अपना राजनीतिक आधार खो दिया है. तभी तो खबरों में बने रहने के लिए हार्दिक इस तरह के राजनीतिक स्टंट कर रहे हैं. पाटीदार समुदाय अतीत में भी बीजेपी के साथ रहा और भविष्य में भी वह हमारे साथ रहेगा."


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