'शादी के बाद दूल्हे की नसबंदी कराने जैसा है गुजरात कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष का पद': हार्दिक पटेल
हार्दिक ने आरोप लगाया कि पार्टी में बड़े नेताओं की गुटबंदी के कारण हमें भी बराबर अपमानित किया जाता है. उन्होंने कहा कि गुजरात और दिल्ली के कांग्रेस के नेताओं में निर्णयशक्ति का अभाव है.
गुजरात पाटीदार समाज के बड़े नाम नरेश पटेल को लेकर अभी तक कांग्रेस किसी नतीजे पर नहीं पहुंच पाई है. यही वजह है कि गुजरात कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष हार्दिक पटेल अपने ही पार्टी से खफा हैं. उन्होंने एबीपी न्यूज से बातचीत में कहा कि पाटीदार समाज के नेता नरेश पटेल के बारे में कोई निर्णय नहीं लेकर कांग्रेस पाटीदार समाज का अपमान कर रही है.
गुजरात कांग्रेस में कार्यकारी अध्यक्ष का मतलब शादी के बाद दूल्हे की नसबंदी करवाने के बराबर होता है. हार्दिक ने आरोप लगाया कि पार्टी में बड़े नेताओं की गुटबंदी के कारण हमें भी बराबर अपमानित किया जाता है. हार्दिक ने कहा कि गुजरात और दिल्ली के कांग्रेस के नेता में निर्णयशक्ति का अभाव है साथ ही उन्होंने असेंबली चुनाव में वीरमगाम चुनाव क्षेत्र से चुनाव लड़ने का एलान किया है.
नरेश पटेल को लेकर दिया स्पष्टीकरण
वहीं गुजरात प्रदेश कांग्रेस प्रमुख जगदीश ठाकोर ने हार्दिक पटेल के नरेश पटेल के निवेदन को लेकर स्पष्टीकरण दिया है. जगदीश ठाकोर ने कहा कि हम (कांग्रेस) पहले दिन से नरेश पटेल को आमंत्रित कर रहे हैं. ठाकोर ने आगे कहा कि हमने मीडिया में पटेल के निवेदन को सुना है और इस को लेकर हमें बस इतना हि कहना है कि कुछ बातें मीडिया में नहीं कहनी होती हैं. कांग्रेस ने किसी का भी अपमान नहीं किया है.
पटेल तय करें कि उनको किस पक्ष में है जाना
वहीं उन्होंने नरेश पटेल को लेकर कहा कि यह उनको (नरेश पटेल) तय करना है कि उनको किस पक्ष में जाना है. जब तक नरेश पटेल यह तय नहीं कर लेते तब तक प्रदेश कांग्रेस कुछ भी कहने की स्थिति में नहीं होगी. आपको बता दें कि गुजरात में इस वर्ष के अंत में चुनाव होने है. यही वजह है कि सूबे में सियासी गतिविधियां काफी तेज हो गई हैं. वहीं हार्दिक पटेल ने इस साल चुनाव लड़ने के संकेत भी दे दिये हैं.
हार्दिक ने मंगलवार को ट्वीट कर कहा कि मेरा मकसद सिर्फ चुनाव लड़ना ही नहीं बल्कि ताकत के साथ गुजरात के लोगों की सेवा करना भी है. तीन साल पहले झूठे मामले में मुझे दो साल जेल की सजा सुनाई गई थी, लेकिन आज सुप्रीम कोर्ट ने सजा पर रोक लगा दी है. मैं दिल से न्यायपालिका को धन्यवाद देता हूं.
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