नई दिल्ली: सियासत की हांडी में जब-जब बयानों का तड़का लगता है, राजनीति की गंध उतनी ही तेजी से फैलती है. पाटीदार आंदोलन से देश में अपनी पहचान बनाने वाले और बीते गुजरात विधानसभा चुनाव में राहुल गांधी का साथ निभाने वाले हार्दिक पटेल ने अब कुछ ऐसा ही बयान दिया जिससे सियासी गलियारे में चर्चा का बाजार गर्म होगा. हार्दिक ने अब पुराने रूख में बदलाव करते हुए साफ किया कि वह व्यक्तिगत तौर पर राहुल गांधी को पसंद तो करते हैं, लेकिन उनको वह अपना नेता नहीं मानते. अब ऐसे में हार्दिक पटेल का ये बयान कौन सा राजनीति रंग दिखाता है ये देखना दिलचस्प होगा.
इसी क्रम में हार्दिक पटेल ने एक और अहम बात कह दी. उन्होंने राहुल गांधी की बहन प्रियंका वाड्रा गांधी के सक्रिय राजनीति में आने की वकालत की. हार्दिक पटेल ने जो बात कही है वह नई नहीं है. सक्रिय राजनीति में प्रियंका गांधी के आने की मांग होती रही है. हालांकि प्रियंका गांधी वाड्रा खुद के 2019 का लोकसभा चुनाव रायबरेली से लड़ने की अटकलों पर विराम लगा चुकी हैं. राहुल गांधी के कांग्रेस अध्यक्ष का दायित्व संभालने के बाद प्रियंका ने कहा था, ‘‘मेरे लड़ने (2019 में) का कोई सवाल नहीं है...मेरी मां वहां (रायबरेली) से लड़ेंगी.’’
हार्दिक पटेल राजनीति की हर नब्ज से वाकिफ हैं. इसका उदाहरण गुजरात विधानसभा चुनाव के नतीजों में साफ देखा जा सकता है. बीजेपी को 99 सीटों पर समेटने में हार्दिक ने बड़ी भूमिका अदा की. ऐसे में उनके इस बयान के मायने क्या है, राजनीति के विश्लेषकों के लिए यह एक रूचिकर विषय हो सकता है.