नई दिल्ली/सूरत: आखिरकार तारीख़ पर तारीख़ और अल्टीमेटम पर अल्टीमेटम के बाद आज शाम को हुई कांग्रेस और पाटीदार आरक्षण आंदोलन समिति के बीच बैठक में यह स्पष्ट हो गया है कि अब कांग्रेस को समर्थन देने की महज़ औपचारिकता रह गयी है.


गुजरात चुनाव से पहले कांग्रेस और पाटीदार अनामत आंदोलन समिति यानी 'पास' के नेताओं में सहमति बन गई है. कांग्रेस और पाटीदार नेताओं के बीच बैठक के बाद दोनों दलों के नेताओं ने कहा कि आरक्षण सहित अन्य मुद्दों पर सहमति हो गई है. हालांकि दोनों दलों ने बातचीत का खुलासा तो नहीं किया है, लेकिन कहा कि हार्दिक सोमवार को राजकोट में कांग्रेस को समर्थन सहित अन्य मुद्दों का विधिवत एलान करेंगे.


बैठक से बाहर निकलकर कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष भरत सिंह सोलंकी ने कहा कि जिन मुद्दों पर बात अटकी हुई थी उस पर सहमति बन चुकी है. आरक्षण को लेकर फॉर्मूला बताया गया है उसको लेकर भी 'पास' सहमत हो गयी. हालांकि यह फॉर्मूला क्या है उस पर खुलासा नहीं हुआ है.


उधर सूत्रों ने एबीपी न्यूज़ को बताया कि दरअसल आरक्षण पर कांग्रेस के फॉर्मूले पर सहमति काफी पहले बन चुकी थी, लेकिन असली मुद्दा सीटों को लेकर था, जिसपर पेंच अटका हुआ था. ‘पास’ ने अपने नेताओं के लिए 25 सीटों की मांग की थी, लेकिन 11 सीटों पर सहमति बनी है.


पास का झुकाव पहले से ही कांग्रेस की ओर देखा जा रहा था, अब वहीं पास कांग्रेस से चुनाव लड़ने की बात मानने से बचती दिख रही है. पास कन्वीनर दिनेश बामभनिया ने एबीपी न्यूज़ को बताया कि उन्होंने सीटों की मांग नहीं रखी.


राज्य में पहले चरण के नामांकन में दो ही दिन शेष रह गए हैं. 21 नवंबर आखिरी दिन है नामांकन के लिए. अब क्योंकि पास के साथ सहमति बन चुकी है ऐसे में सूत्रों के मुताबिक आज रात को सूची जारी होने की उम्मीद है. सूत्रों के अनुसार इसके अलावा कांग्रेस की गुजरात इकाई में गुटबंदी और असंतोष भी उम्मीदवारों की सूची को अंतिम रूप देने में बाधा का कारण हैं.


माना जा रहा है कि उम्मीदवारों के नाम सामने आने के बाद अंदरूनी कलह कांग्रेस में बढ़ जाएगी. फिलहाल कांग्रेस के लिए चिंता का विषय बना हुआ है.