नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने गुजरात के तत्कालीन गृह मंत्री हरेन पांड्या की हत्या के मामले की अदालत की निगरानी में नए सिरे जांच कराने संबंधी जनहित याचिका पर अपना फैसला मंगलवार को सुरक्षित रखा. एनजीओ सीपीआईएल की ओर से पेश हुए वरिष्ठ वकील शांति भूषण और सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता की बहस पूरी हो जाने के बाद जस्टिस अरुण मिश्रा की अध्यक्षता वाली पीठ ने अपना फैसला सुरक्षित रखा.


भूषण ने दलील दी कि हत्या मामले में हाल में कई नए तथ्य सामने आए हैं जिनकी नए सिरे से जांच किए जाने की आवश्यकता है. सॉलिसिटर जनरल ने आरोप लगाया कि एनजीओ राजनीतिक बदला लेने के लिए जनहित याचिका अधिकार क्षेत्र का दुरुपयोग कर रहा है.


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गुजरात में नरेन्द्र मोदी सरकार में गृह मंत्री रहे हरेन पांड्या की 26 मार्च, 2003 को अहमदाबाद में लॉ गार्डन इलाके में उस समय गोली मार कर हत्या कर दी गयी थी जब वह सुबह की सैर कर रहे थे.


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