Haridwar Dharm Sansad: हरिद्वार में आयोजित की गई धर्म संसद में भड़काऊ भाषणों के कई वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुए. अब इस मामले को लेकर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई. वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल ने सुप्रीम कोर्ट में इस मामले को रखा और कहा कि, देश में सत्यमेव जयते की जगह अब शस्त्रमेव जयते की बातें हो रही हैं. उन्होंने कोर्ट को बताया कि इस मामले में एफआईआर दर्ज हुई लेकिन कोई गिरफ्तारी नहीं हुई. 


एफआईआर दर्ज, लेकिन कोई एक्शन नहीं


सिब्बल के तर्कों को सुनने के बाद सीजेआई एनवी रमना ने इस याचिका को स्वीकार करते हुए साफ किया कि मामले पर आगे सुनवाई जारी रहेगी. हरिद्वार में आयोजित इस नफरती कार्यक्रम को लेकर कई जनहित याचिकाएं दायर हुई हैं. अब इन्हें लेकर सुप्रीम कोर्ट सुनवाई कर रहा है. सीजेआई की अध्यक्षता वाली बेंच ने वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल की उन दलीलों पर गौर किया कि घृणा भाषण देने वालों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज होने के बावजूद अब तक कोई कार्रवाई नहीं की गई है.


इस याचिका को लेकर कपिल सिब्बल ने कहा, ‘‘हरिद्वार में 17 और 19 दिसंबर को धर्म संसद में जो हुआ, उस संबंध में मैंने यह जनहित याचिका दाखिल की है. हम मुश्किल दौर में जी रहे हैं जहां देश में ‘सत्यमेव जयते’ का नारा बदल गया है.’’ इसके आखिर में सीजेआई रमना ने कहा, ‘‘ठीक है, हम इस मामले पर सुनवाई करेंगे.’’


धर्म संसद में क्या हुआ था?
दरअसल कुछ दिन पहले उत्तराखंड की धर्म नगरी हरिद्वार में एक धर्म संसद का आयोजन किया गया. जिसमें कई संगठनों के प्रमुख शामिल हुए. लेकिन इस धर्म संसद में एक खास समुदाय के खिलाफ नफरती भाषण दिए गए और हथियार उठाने तक की बात कही गई. वीडियो सोशल मीडिया पर खूब वायरल हुआ. जिसके बाद पुलिस और सरकार पर कई तरह के सवाल उठने लगे. आखिरकार उत्तराखंड पुलिस ने मामला दर्ज किया, लेकिन अब तक किसी भी आरोपी के खिलाफ कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई है. जिसे लेकर कपिल ने सिब्बल सुप्रीम कोर्ट का रुख किया है.