Dharm Sansad: हरिद्वार में हाल में हुई धर्म संसद के संबंध में दर्ज प्राथमिकी में शनिवार को यती नरसिम्हानंद और सिंधु सागर के नाम भी शनिवार को जोड़े गए. अधिकारियों ने बताया कि प्राथमिकी में धारा 153 ए (धर्म, नस्ल, जन्मस्थान, आवास, भाषा के आधार पर विभिन्न समुदायों के बीच वैमनस्य फैलाना) के अलावा भारतीय दंड संहिता की धारा 295 (पूजा स्थल या किसी पवित्र वस्तु को नुकसान पहुंचाना) भी जोड़ी गयी है. इस धर्म संसद में कथित तौर पर मुस्लिमों के खिलाफ भाषण दिए गए थे.


हरिद्वार के सर्किल अधिकारी शेखर सुयाल ने बताया कि गाजियाबाद के डासना मंदिर के पुजारी यती नरसिम्हानंद और संत सिंधु सागर के नाम भी प्राथमिकी में जोड़े गए हैं. नरसिम्हानंद इस कार्यक्रम के आयोजक थे.


बहरहाल, अधिकारी ने यह बताने से इनकार कर दिया कि प्राथमिकी में नयी धारा क्यों जोड़ी गयी है. उन्होंने कहा कि यह जांच का हिस्सा है जिसे साझा नहीं किया जा सकता. प्राथमिकी में दो नए नाम जोड़ने के साथ ही अब तक मामले में पांच लोगों पर मुकदमा दर्ज किया गया है. इनमें वसीम रिजवी उर्फ जितेंद्र त्यागी, साध्वी अन्नपूर्णा, धर्मदास, यती नरसिम्हानंद और सिंधु सागर शामिल हैं.


हरिद्वार के वेद निकेतन धाम में 16-19 दिसंबर के दौरान धर्मसंसद में वक्ताओं ने कथित रूप से मुसलमानों के विरूद्ध भड़काऊ भाषण दिया था.


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