पंजाब कांग्रेस पर फैसले को लेकर हरीश रावत ने दी नई डेडलाइन, सिद्धू को लेकर कही ये बात
कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी के आवास पर हुई बैठक के बाद हरीश रावत ने कहा कि अगले तीन चार दिनों में पंजाब को लेकर खुशखबरी आ जाएगी. उन्होंने सिद्ध के ट्वीट पर भी प्रतिक्रिया दी.
नई दिल्ली: राहुल गांधी की प्रशांत किशोर से मुलाकात को पंजाब से जोड़ कर ना देखने की दलील देते हुए पंजाब कांग्रेस के प्रभारी हरीश रावत ने कहा है कि अगले 3 से 4 दिनों में पंजाब कांग्रेस को लेकर फैसला हो जाएगा. सिद्धू के आम आदमी पार्टी में जाने की अटकलों को टालते हुए रावत ने कहा कि सिद्धू और कैप्टन दोनों ने ही कांग्रेस नेतृत्व को भरोसा दिया है कि आलाकमान का फैसला मंजूर होगा.
राहुल गांधी के आवास पर बैठक के बाद रावत ने कहा कि अगले 3-4 दिनों में पंजाब को लेकर खुशखबरी आ जाएगी. सिद्धू के ताजा ट्वीट को लेकर रावत ने कहा कि सोशल मीडिया में बातों को तोड़ा मरोड़ा जाता है. कैप्टन अमरिंदर सिंह ने सबके सामने कहा कि सोनिया गांधी का फैसला मंजूर होगा और यही बात सिद्धू ने भी पार्टी नेतृत्व से कही है.
सिद्धू ने अपने ट्वीट में कहा था कि आम आदमी पार्टी उनके उठाए मुद्दों का समर्थन करती रही है. सिद्धू को लेकर रावत ने आगे कहा कि बेअदबी और ड्रग माफिया के खिलाफ कार्रवाई के मुद्दे पर हम सबकी राय एक जैसी है. मुश्किल यह है कि सिद्धू का अपना अंदाज-ए-बयां है. उनका अपना तरीका है और उस तरीके में सुधार करने में मैं सक्षम नहीं हूं. रावत ने कहा कि कैप्टन और सिद्धू एक ही पार्टी के नेता हैं. हमारी कोशिश है कि दोनों साथ 2022 की लड़ाई लड़ें.
पंजाब कांग्रेस का विवाद सुलझाने की कवायद डेढ़ महीने से चल रही है. इसके लिए सोनिया गांधी ने कमिटी बनाई वहीं राहुल गांधी ने कई नेताओं से मुलाकात की. सिद्धू राहुल, प्रियंका से तो कैप्टन अमरिंदर सिंह सोनिया गांधी से मिले. विवाद की जड़ में है 2017 के अहम चुनावी वादे जिसको लेकर कैप्टन पर आरोप है कि उन्होंने उन्हें पूरा नहीं किया. खासकर गुरुग्रंथ साहिब बेअदबी मामले में सिद्धू कैप्टन पर आरोप लगा चुके हैं कि बादल परिवार से मिलीभगत के कारण कार्रवाई नहीं की गई. सिद्धू की बयानबाजी से कैप्टन नाराज तो हैं ही, यह भी माना जा रहा है सिद्धू प्रदेश अध्यक्ष का पद चाहते हैं जिसके लिए कैप्टन तैयार नहीं हैं. पंजाब कांग्रेस का झड़ना सुलझाने के लिए कांग्रेस नेतृत्व ने क्या फार्मूला तय किया है इसको लेकर सस्पेंस बना हुआ है.
बहरहाल, कैप्टन और सिद्धू के बीच मनमुटाव इतना बढ़ चुका है कि दोनों का एक साथ काम करना मुश्किल लगता है. देखना होगा कि क्या वाकई पंजाब कांग्रेस को लेकर पार्टी नेतृत्व फैसला सबके लिए खुशखबरी साबित होगा.
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