नई दिल्ली: उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री और वर्तमान में कांग्रेस महासचिव हरीश रावत ने मांग की है कि कांग्रेस को विधानसभा चुनावों में मुख्यमंत्री के चेहरे का एलान करना चाहिए, क्योंकि बीजेपी एंटी इनकंबेंसी को कम करने के लिए प्रधानमंत्री मोदी के चेहरे पर चुनाव लड़ती है. रावत का मानना है कि मोदी का नाम आते ही वोटर दुविधा में आ जाते हैं, इसलिए चुनाव को स्थानीय मुद्दों पर बनाए रखने के लिए कांग्रेस को रणनीति में बदलाव करते हुए मुख्यमंत्री का चेहरा घोषित करना चाहिए.


इसको लेकर हरीश रावत ने ट्वीट किया था. एबीपी न्यूज से बात करते हुए उन्होंने कहा कि बीजेपी और आरएसएस ने मोदी को हिंदुत्व का आइकन (बड़ा चेहरा) बना दिया है. बीजेपी उनके नाम पर नगर पालिका से लेकर विधायक तक का चुनाव लड़ती है, जिससे प्रभाव में आकर वोटर स्थानीय मुद्दे भूल जाते हैं.


रावत ने कहा कि ऐसे में कांग्रेस को स्थानीय स्तर पर चेहरा घोषित करना चाहिए ताकि चुनाव स्थानीय मुद्दों पर हो और कांग्रेस का पलड़ा भारी हो सके. रावत ने हरियाणा का उदाहरण देते हुए कहा कि जब भूपेंद्र सिंह हुड्डा को आगे किया गया तो पार्टी को फायदा हुआ. उन्होंने कहा कि वो चाहते हैं कि इस मुद्दे पर चर्चा हो, इसलिए आलाकमान से पहले सार्वजनिक रूप से अपनी राय रख रहे हैं. रावत ने यह भी साफ किया कि उनका बयान पांच राज्यों में होने जा रहे मौजूदा चुनाव से जुड़ा नहीं है.


माना जा रहा है कि रावत यह दांव अगले साल की शुरुआत में होने जा रहे उत्तराखंड विधानसभा चुनाव के मद्देनजर चल रहे हैं और मुख्यमंत्री के उम्मीदवार के लिए अपनी दावेदारी पेश कर रहे हैं. हालांकि इस बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि उत्तराखंड समेत आने वाले विधानसभा चुनावों में जहां बीजेपी से सीधी लड़ाई है, वहां पार्टी को मुख्यमंत्री के चेहरे का एलान की रणनीति बनानी चाहिए.


आपको बता दें कि कांग्रेस 'सामूहिक नेतृत्व' का नाम विधानसभा चुनावों में मुख्यमंत्री के चेहरे का एलान नहीं करती है. बीजेपी में प्रचार का फोकस जिस तरह मोदी पर होता है, वैसे ही कांग्रेस में राहुल गांधी पर. लेकिन अब रावत के बयान से एक बड़ा सवाल खड़ा होता है कि क्या अब कांग्रेस नेता भी खुल कर यह मानने लगे हैं कि राहुल गांधी प्रधानमंत्री मोदी को टक्कर देने में नाकाम हैं? इस पर रावत ने कहा कि उन्होंने ऐसा नहीं कहा है. लोकसभा चुनाव के लिए राहुल गांधी ही चेहरा थे और रहेंगे.


कुछ दिनों पहले ही बीजेपी नेतृत्व ने उत्तराखंड में त्रिवेंद्र सिंह रावत को हटा कर तीरथ सिंह रावत को मुख्यमंत्री बनाया है. रावत के रुख से दिलचस्पी बढ़ गई है कि क्या आने वाले दिनों में उत्तराखंड कांग्रेस की राजनीति में कुछ फेरबदल होने जा रहा है? हालांकि रावत का कहना है कि उनकी बात ना भी मानी जाए या फिर उत्तराखंड में किसी दूसरे नेता को मुख्यमंत्री का चेहरा बना दिया जाए तब भी वह पार्टी के फैसले का सम्मान करेंगे. आम आदमी पार्टी भी उत्तराखंड चुनाव के लिए जम कर तैयारी कर रही है.


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