नई दिल्ली: भारतीय विदेश सेवा के 1984 बैच अधिकारी डॉ हर्षवर्धन श्रृंगला 29 जनवरी की सुबह भारत के 33वें विदेश सचिव की ज़िम्मेदारी संभालेंगे. अमेरिका में भारतीय राजदूत से विदेश सचिव बनाए गए श्रृंगला एक कुशल राजनयिक हैं और बीते 35 सालों के कैरियर में अनेक ज़िम्मेदारियां संभाल चुके हैं. विदेश मंत्रालय में यह पहला संयोग होगा कि विदेश मंत्री और विदेश सचिव दोनों के पास अमेरिका में राजदूत पद से देश के शीर्ष राजनयिक की कुर्सी संभालने का अनुभव होगा. महत्वपूर्ण है कि डॉ श्रृंगला से पहले 2015 में जब वर्तमान विदेश मंत्री डॉ एस जयशंकर को विदेश सचिव बनाया गया था तो वो भी अमेरिका में भारत के राजदूत पद पर ही थे. इतना ही नहीं डॉ श्रृंगला की नियुक्ति ऐसे समय में हो रही है जब महज़ एक माह से कम समय में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प की भारत यात्रा अपेक्षित है.


हर्षवर्धन श्रृंगला ने नई दिल्ली और विदेशों में विभिन्न पदों पर काम किया है. अमेरिका से पहले वे बांग्लादेश में भारत के उच्चायुक्त और थाईलैंड में भारत के राजदूत के रूप में काम कर चुके हैं. साथ ही फ्रांस (यूनेस्को), यूएसए (यूएन, न्यूयॉर्क); वियतनाम (हनोई और हो ची मिन्ह सिटी); इज़राइल और दक्षिण अफ्रीका (डरबन) में भी विभिन्न राजनयिक ज़िम्मेदारियां निभा चुके हैं. नए विदेश सचिव नामित होने के बाद गत 15 जनवरी से वे विदेश मंत्रालय में ही तैनात होकर मुख्यालय में कामकाज की जानकारी ले रहे थे.


विदेश मंत्रालय में शीर्ष राजनयिक परिवर्तन ऐसे वक्त पर हो रहे हैं जब भारतीय कूटनीति एक साथ कई मोर्चों को संभालने में जुटी है. जहां एक तरफ भारत की अंतरराष्ट्रीय छवि और आर्थिक कूटनीति को प्रभावी बनाने की ज़िम्मेदारी है वहीं अंतरराष्ट्रीय व्यवस्था में दबदबा रखने वाले मुल्कों के साथ सम्बन्धों को आगे बढ़ाने का काम है. इसके अलावा पड़ोसी मुल्कों के साथ विभिन्न मामलों पर तालमेल और सम्बन्ध संवर्धन भी अहम है.


डॉ श्रृंगला बांग्लादेश, श्रीलंका, म्यांमार और मालदीव जैसे पड़ोसी मुल्कों के बारे में काफी अच्छी समझ रखते हैं. नई दिल्ली में बतौर संयुक्त सचिव वो इन मुल्कों से सम्बंधित डिवीजन के प्रभारी भी रह चुके हैं. इतना ही उन्होंने सार्क मामलों और नेपाल व भूटान के साथ काम करने वाले उत्तरी डिवीजन के निदेशक के रूप में भी ज़िम्मेदारी संभाली है. बंगलादेश में भारत के उच्चायुक्त के तौर पर उनके कार्यकाल को दोनों देशों के सम्बन्धों में तालमेल बढ़ाने के लिहाज से अहम माना जाता है.


राजधानी दिल्ली के सेंट स्टीफन कॉलेज से स्नातक करने और भारतीय विदेश सेवा में शामिल होने से पहले डॉ श्रृंगला कॉर्पोरेट और सार्वजनिक क्षेत्रों में भी काम कर चुके हैं. उन्हें आर्थिक कूटनीति का अच्छा जानकर माना जाता है. डॉ श्रृंगला अंग्रेजी और भारतीय भाषाओं के अलावा फ्रेंच, वियतनामी और नेपाली भाषा भी बखूबी बोलते हैं.


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