नई दिल्ली: पूर्व केंद्रीय मंत्री और शिरोमणी अकाली दल की सांसद हरसिमरत कौर बादल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के भाषण पर अपनी प्रतिक्रिया दी. बादल ने कहा कि ये दुर्भाग्यपूर्ण है कि उन्होंने उन 150 लोगों के बारे में कुछ नहीं कहा जिन्होंने किसान आंदोलन के दौरान अपनी जान गंवा दी. कौन सा विपक्षी दल किसानों के बीच बैठा है. किसानों ने साफ बोला है कि राजनीतिक दल हमारे आंदोलन में नहीं आएंगे. नाम बताए कौन सा नेता वहां पर 75 दिनों से बैठा है.


हरसिमरत कौर बादल ने कहा, "ये समय कि मांग है कि किसानों की बात सुनी जाए. प्रधानमंत्री ने कहा कि पंजाब में मंत्रियों ने जाकर किसानों से बात की. काश, वह बताते कि किस किसान से बात की थी क्योंकि जहां तक ​​मुझे याद है, एक ही मंत्री पंजाब गया जिसने किसानों को गुंडा कहा था."


पीएम मोदी ने आज क्या कहा?


लोकसभा में बुधवार को राष्ट्रपति के अभिभाषण के धन्यवाद प्रस्ताव पर जवाब देते हुए पीएम मोदी ने किसान आंदोलन और कृषि कानूनों को जिक्र किया. उन्होंने कहा कि किसानों का आंदोलन पवित्र है. लेकिन कुछ आंदोलनजीवियों ने उसे बर्बाद करने की कोशिश की. उन्होंने कहा कि आंदोलनकारियों और आंदोलनजीवियों में फर्क समझने की जरूरत है.


पीएम मोदी ने कहा कि ये कानून किसी के लिए बंधन नहीं है बल्कि एक विकल्प (ऑप्शन) है. इसलिए विरोध की कोई वजह नहीं है. पीएम मोदी ने कहा, ‘‘पहली बार इस सदन में ये नया तर्क आया कि ये हमने मांगा तो दिया क्यों? आपने लेना नहीं हो तो किसी पर कोई दबाव नहीं है.’’


किसान आंदोलन पर उन्होंने कहा कि दिल्ली के बार जो हमारे किसान भाई-बहन बैठे हैं वो गलत धारणाओं और अफवाह का शिकार हो गए. उन्होंने कहा कि ये सदन और ये सरकार सभी किसान साथियों की भावनाओं का आदर करती है और करती रहेगी. लगातार बातचीत होती रही है. बातचीत में किसानों की शंकाओं को ढ़ूढ़ने का भी प्रयास किया गया. किसानों के फायदे के लिए ये कानून बनाए गए हैं. कानून लागू होने के बाद न देश में कोई मंडी बंद हुई है, न एमएसपी बंद हुआ है.


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