(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
हरियाणा के कृषि मंत्री और पत्रकार को गोली मारने की धमकी, अज्ञात के खिलाफ मामला दर्ज
केंद्र सरकार के तीन नए कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन कर रहे किसानों ने आठ दिसंबर को 'भारत बंद' का शुक्रवार को ऐलान किया है. उन्होंने चेतावनी दी है कि यदि सरकार उनकी मांगें नहीं मानती है तो वे राष्ट्रीय राजधानी की तरफ जाने वाली और सड़कों को बंद कर देंगे.
भिवानी: कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन के बीच शुक्रवार को हरियाणा के कृषि मंत्री जेपी दलाल और स्थानीय पत्रकार को गोली मारने की धमकी दी गई है. पत्रकार ने भिवानी के पुलिस अधीक्षक सुमेर प्रताप को मामले की शिकायत दी है. साथ ही गृह मंत्री अमित शाह और हरियाणा के गृहमंत्री अनिल विज को भी पत्र लिखकर इस संबंध में अवगत कराया गया है.
पुलिस जांच में पाया गया कि यह धमकी भरा फोन हिसार जिले के गांव शिकारपुर से किया गया है और जिस नंबर से धमकी दी गई वह उत्तर प्रदेश के किसी व्यक्ति के नाम दर्ज है. इस मामलें में पुलिस की दो टीमें जांच में जुटी हैं.
दरअसल, हाल ही कृषि मंत्री जेपी दलाल ने एक बयान देकर किसान आंदोलन में विदेशी ताकतों का हाथ होने की आशंका जताई थी. कथित तौर पर इस बयान को प्रकाशित करने को लेकर भिवानी के एक हिंदी दैनिक समाचार पत्र के संचालक को अज्ञात व्यक्ति ने फोन करके धमकी दी है. थाना सदर प्रभारी निरीक्षक विद्यानंद का कहना है कि आईपीसी की धारा 294, 506 के तहत अज्ञात के खिलाफ केस दर्ज कर लिया गया है. मामले की जांच की जा रही है. शिकायतकर्ता की तरफ से उपलब्ध कराए गए ऑडियो की भी जांच की जा रही है.
किसानों ने 8 दिसंबर को ‘भारत बंद’ का आह्वान किया केंद्र सरकार के तीन नए कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन कर रहे किसानों ने आठ दिसंबर को 'भारत बंद' का शुक्रवार को ऐलान किया है. उन्होंने चेतावनी दी है कि यदि सरकार उनकी मांगें नहीं मानती है तो वे राष्ट्रीय राजधानी की तरफ जाने वाली और सड़कों को बंद कर देंगे. सूत्रों ने अनुसार सरकार ने गतिरोध खत्म करने के लिए उन प्रावधानों का संभावित हल तैयार कर लिया है जिन पर किसानों को ऐतराज है.
गुरुवार को तोमर ने विभिन्न किसान संगठनों के 40 किसान नेताओं के समूह को आश्वासन दिया था कि सरकार किसान संगठनों की चिंताओं को दूर करने के प्रयास के तहत मंडियों को मजबूत बनाने, प्रस्तावित निजी बाजारों के साथ समान परिवेश सृजित करने और विवाद समाधान के लिए किसानों को ऊंची अदालतों में जाने की आजादी दिए जाने जैसे मुद्दों पर विचार करने को तैयार है.
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