हरियाणा विधानसभा चुनाव 2019: अक्टूबर में होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस गुटबाजी से बेहद कमजोर नज़र आ रही है, लेकिन राज्य की राजनीति में पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा पार्टी के कद्दावर नेता के रूप में मैदान में बने हुए हैं. लोकसभा चुनाव में करारी हार के बाद कांग्रेस हाईकामन ने हुड्डा के बागी तेवरों को देखते हुए ना सिर्फ उन्हें नेता विपक्ष की कमान दी, बल्कि उनकी मांग को मानकर अशोक तंवर को अध्यक्ष पद से हटा दिया गया. राज्य कांग्रेस का सबसे बड़े चेहरा बनने के लिए भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने राजनीति में 30 साल से लंबा सफर तय किया है.


भूपेंद्र सिंह हुड्डा का जन्म साल 1947 में रोहतक जिले के सांघी गांव में हुआ था. भूपेंद्र सिंह हुड्डा के पिता रणबीर सिंह हुड्डा स्वतंत्रता सेनानी होने के साथ ही कांग्रेस के नेता भी थे. भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने 25 साल की उम्र में अपने राजनीतिक करियर की शुरुआत कांग्रेस से ही की. यूथ कांग्रेस में कई बड़ी जिम्मेदारियां निभाने के बाद 1991 में भूपेंद्र सिंह हुड्डा को रोहतक से लोकसभा चुनाव का टिकट दिया गया. भूपेंद्र सिंह हुड्डा पूर्व उप प्रधानमंत्री देवीलाल को चुनाव में मात देकर पहली बार लोकसभा में पहुंचे. इतना नहीं नहीं 1996 और 1998 के लोकसभा चुनाव में भी हुड्डा ने देवीलाल को मात दी.



2005 में बने सीएम


1996 में भूपेंद्र सिंह हुड्डा को राज्य कांग्रेस के अध्यक्ष पद की कमान दी गई. 2001 में भूपेंद्र सिंह हुड्डा पहली बार राज्य में नेता विपक्ष बने. 2004 में एक बार फिर भूपेंद्र सिंह हु्ड्डा लोकसभा के सदस्य चुने गए. 2005 में कांग्रेस को हरियाणा विधानसभा चुनाव में 67 सीटों पर जीत मिली. ऐसा माना जा रहा था कि भजनलाल राज्य के सीएम बनेंगे, लेकिन कांग्रेस ने सबको चौंकाते हुए भूपेंद्र सिंह हु्ड्डा को सीएम बनाया. 2009 के लोकसभा चुनाव और फिर विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को बड़ी जीत मिली. इसके बाद दूसरी बार हु्ड्डा को राज्य का सीएम बनाया गया.


2014 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस पार्टी को करारी हार का सामना करना पड़ा. विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को सिर्फ 15 सीटें मिली और इंडियन नेशनल लोकदल राज्य की मुख्य विपक्षी पार्टी का दर्जा हासिल करने में कामयाब रही. इतना ही नहीं कांग्रेस ने भी हुड्डा की बात ना मानते हुए राज्य में पार्टी की कमान अशोक तंवर के हाथों दे दी. 2019 के लोकसभा चुनाव में हुड्डा को सोनीपत लोकसभा सीट पर हार का सामना करना पड़ा. कुछ वक्त पहले हुड्डा ने बागी तेवर अख्तियार कर लिए थे, जिसके बाद कांग्रेस हाईकमान उनके सामने झुक गया. भूपेंद्र सिंह हुड्डा को इलेक्शन कमेटी का अध्यक्ष बनाया गया है और वह इस वक्त राज्य में सबसे बड़ा जाट चेहरा भी हैं.


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