हरियाणा: दो हिस्सों में बंट चुका है पूर्व सीएम ओमप्रकाश चौटाला का परिवार और पार्टी
हरियाणा विधानसभा चुनाव 2019: इंडियन नेशनल लोकदल 2005 के बाद से हरियाणा की सत्ता में वापसी करने के लिए संघर्ष कर रही है.
हरियाणा विधानसभा चुनाव 2019: पूर्व उपप्रधानमंत्री देवीलाल के बेटे और हरियाणा के चार बार मुख्यमंत्री रहे ओमप्रकाश चौटाला जेबीटी घोटाले में 10 साल की सजा काट रहे हैं. 2013 में ओमप्रकाश चौटाला को जेबीटी घोटाले में 10 साल की सजा हुई थी. सजा का एलान होने के 6 साल बाद ना सिर्फ ओमप्रकाश चौटाला की पार्टी बिखर चुकी है, बल्कि उनका परिवार भी दो हिस्सों में बंट गया है. ओमप्रकाश चौटाला की पार्टी 2014 के विधानसभा चुनाव में 19 सीटें जीतने में कामयाब रही थी. लेकिन आज पार्टी के पास सिर्फ तीन एमएलए बचे हैं.
ओमप्रकाश चौटाला का जन्म साल 1935 में हुआ था. ओमप्रकाश चौटाला पहली बार राज्य के मुख्यमंत्री उस वक्त बने जब देवीलाल को वीपी सिंह की सरकार में उपमुख्यमंत्री बनाया गया. साल 1989 में ओमप्रकाश चौटाला 6 महीने के लिए राज्य के मुख्यमंत्री बने. इसके बाद 1990 और 1991 में ओमप्रकाश चौटाला पहले 5 दिन और फिर 15 दिन के लिए राज्य के सीएम बने. ओमप्रकाश चौटाला आखिरकार 1999 में पूर्ण बहुमत के साथ राज्य में सरकार बनाने में कामयाब रहे और उन्होंने सीएम के तौर पर अपना पहला कार्यकाल भी पूरा किया.
2005 से नहीं हुई सत्ता में वापसी
सत्ता में आने के बाद चौटाला की इंडियन नेशनल लोकदल राज्य की मुख्य पार्टी बन चुकी थी. हालांकि 2004 के लोकसभा चुनाव में ओमप्रकाश चौटाला की पार्टी का बुरा दौर शुरू हो गया था, क्योंकि राज्य की 10 लोकसभा सीटों में से इंडियन नेशनल लोकदल को एक सीट पर भी जीत नहीं मिली. ओमप्रकाश चौटाला के बड़े बेटे अजय चौटाला को भी 2004 के लोकसभा चुनाव में भिवानी से हार का सामना करना पड़ा. इसके बाद 2005 के विधानसभा चुनाव में इंडियन नेशनल लोकदल 90 में से सिर्फ 9 सीटों पर ही जीत दर्ज कर पाई.
2009 के लोकसभा चुनाव में भी चौटाला की इंडियन नेशनल लोकदल का खाता नहीं खुला. 2009 के विधानसभा चुनाव में इंडियन नेशनल लोकदल राज्य की राजनीति में वापसी करती हुई दिखी और पार्टी 31 सीटों पर जीत दर्ज करने में कामयाब रही.
ओमप्रकाश चौटाला की असल मुश्किलें साल 2013 की शुरुआत में शुरू हुई. ओमप्रकाश चौटाला और उनके बड़े बेटे अजय चौटाला को जेबीटी घोटाले में 10 साल की सजा सुना दी गई. ओमप्रकाश चौटाला के जेल में जाने के बाद पार्टी की कमान छोटे बेटे अभय सिंह चौटाला के हाथ में आ गई. 2014 के लोकसभा चुनाव में अजय चौटाला के बेटे दुष्यंत चौटाला का राजनीतिक सफर भी शुरू हो गया. दुष्यंत चौटाला अपने पहले लोकसभा चुनाव में हिसार से जीत दर्ज करने में कामयाब रहे.
पार्टी और परिवार दोनों टूटा
दुष्यंत के चुनाव जीतने के बाद उनकी अपने चाचा अभय सिंह चौटाला से झगड़े की खबरें सामने आती रहीं. आखिरकार 2018 में ओमप्रकाश चौटाला ने इंडियन नेशनल लोकदल का मुखिया होने के नाते दुष्यंत चौटाला और दिग्विजय चौटाला को पार्टी से बाहर निकाल दिया. इसी के साथ इंडिया नेशनल लोकदल में टूट भी तय हो गई. इनेलो के 2014 में 19 एमएलए जीते थे उनमें से 4 दुष्यंत चौटाला की जेजेपी में शामिल हो गए, जबकि 10 विधायक पार्टी का साथ छोड़कर बीजेपी में चले गए.
2019 का विधानसभा चुनाव 84 साल के ओमप्रकाश चौटाला की पार्टी इंडियन नेशनल लोकदल के लिए अपने अस्तित्व को बचाए रखने की लड़ाई है. पार्टी पूरी तरह टूट चुकी है और उनके ज्यादातर साथी दूसरी पार्टियों का हिस्सा बन चुके हैं. लोकसभा चुनाव में इंडियन नेशनल लोकदल को सिर्फ 2 फीसदी वोट मिले, जबकि जेजेपी 7 फीसदी वोट हासिल करने में कामयाब रही.
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