(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
Haryana Polls: कांग्रेस-AAP गठजोड़ पर गतिरोध बरकरार! चुनाव से पहले 2 नेताओं ने दिए अलग-अलग संकेत
Haryana Assembly Elections 2024: हरियाणा में विधानसभा चुनाव के लिए आम आदमी पार्टी और कांग्रेस के बीच अभी बातचीत जारी है. दोनों पार्टियों के बीच सहमति नहीं बन रही है.
Haryana Assembly Elections 2024: हरियाणा विधानसभा चुनाव के लिए आम आदमी पार्टी (AAP) और कांग्रेस के बीच गठबंधन पर सहमति नहीं बन रही है. आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सांसद राघव चड्ढा ने शनिवार (7 सितंबर) को कहा कि गठबंधन जल्द ही फाइनल हो जाएगा.
गठबंधन को लेकर राघव चड्ढा ने शनिवार की शाम को कांग्रेस नेताओं के साथ बैठक की थी. इस मीटिंग के बाद उन्होंने कहा था,"मुझे उम्मीद है कि जल्द ही गठबंधन को अंतिम रूप दे दिया जाएगा. उम्मीद पर दुनिया कायम है.
सोमनाथ भारती ने साधा कांग्रेस पर निशाना
आम आदमी पार्टी के नेता सोमनाथ भारती ने कहा कि हरियाणा में आप-कांग्रेस गठबंधन होने से पहले आम आदमी पार्टी को लोकसभा चुनाव के दौरान दिल्ली में बने इसी तरह के गठबंधन की ताकत और कमजोरियों को भी पहचानना होगा. उन्होंने कहा कि दिल्ली में तीनों कांग्रेस उम्मीदवारों के लिए अरविंद केजरीवाल ने रोड किए थे. इस दौरान कैबिनेट मंत्रियों ने तीनों कांग्रेस उम्मीदवारों के लिए प्रचार किया. लेकिन दिल्ली कांग्रेस और स्थानीय नेताओं की ओर से आप उम्मीदवारों को कोई समर्थन नहीं दिया गया है. चुनाव प्रचार के समय दिल्ली कांग्रेस अध्यक्ष अरविंदर सिंह लवली समेत कई नेता बीजेपी में शामिल हो गए थे.
कांग्रेस नेता अजय माकन पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा कि उन्होंने मिलने से भी इनकार कर दिया. जितेन्द्र कोचर जैसे स्थानीय नेताओं ने इस गठबंधन के खिलाफ काम किया था. उन्होंने कथित तौर पर पैसों के लिए भाजपा के सांसद उम्मीदवार के लिए वोट मांगे. कांग्रेस के वोटों को हमारे पक्ष में एकजुट करने के लिए हमारे संसदीय क्षेत्रों में राहुल गांधी, प्रियंका गांधी और कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे का कोई कार्यक्रम आयोजित नहीं किया गया.
'समर्थक नहीं है इस बेमेल और स्वार्थी गठबंधन के पक्ष में'
उन्होंने आगे कहा कि पार्टी के समर्थक इस तरह के बेमेल और स्वार्थी गठबंधन के पक्ष में नहीं हैं. पार्टी को हरियाणा, पंजाब और दिल्ली में सभी सीटों पर अकेले चुनाव लड़ना चाहिए. बीजेपी हरियाणा में अपने आखिरी दिन पर है. कांग्रेस में अंदरूनी झगड़े हो रहे हैं. हरियाणा अरविंद केजरीवाल का गृह राज्य है. ऐसे में पार्टी को हरियाणा में पहली गैर-भाजपा और गैर-कांग्रेसी ईमानदार सरकार देने के लिए सभी सीटों पर चुनाव लड़ना चाहिए.
अजय माकन पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा कि अजय माकन ने ही काल्पनिक शराब घोटाले की साजिश की थी. हमें इस बात को नहीं भूलना चाहिए. जिसके बाद भाजपा को हमारे नेताओं को महीनों और सालों तक गिरफ्तार करने का मौका मिला था. जब आम आदमी पार्टी को हराने की बात आती है, तो भाजपा और कांग्रेस दोनों एक साथ काम करते हैं.
Before AAP-Congress alliance is inked in Haryana, @AamAadmiParty must evaluate the effectiveness of similar alliance formed in Delhi during Loksabha Election.
— Adv. Somnath Bharti: इंसानियत से बड़ा कुछ नहीं! (@attorneybharti) September 7, 2024
While my national Convenor @ArvindKejriwal ji did roadshows for all the three Congress Candidates, senior leaders and…
आप महासचिव संदीप पाठक ने कही थी ये बात
इससे पहले आप के राष्ट्रीय सचिव (संगठन) संदीप पाठक ने कहा था कि हरियाणा चुनाव में पार्टी पूरी ताकत से भी 90 सीटों पर चुनाव लड़ने के लिए तैयार है. उन्होंने कहा था कि हमारी तैयारी पूरी है. हमें बस पार्टी के आदेश का इंतजार है. वो जैसे ही ही निर्देश देंगे, हम सब कुछ बता देंगे. हम सभी सीटों पर चुनाव लड़ने के लिए तैयार हैं. जो लोग हमें कम आंकते हैं, उन्हें भविष्य में खुद इसका पछतावा होगा.
सीटों को लेकर फंसा पेंच
आम आदमी पार्टी और कांग्रेस के बीच गठबंधन की बातचीत सीट बंटवारे को लेकर गतिरोध में आ गई है. जानकारी के अनुसार, आप विधानसभा चुनावों में 10 सीट पर चुनाव लड़ना चाहती है, जबकि कांग्रेस ने 5 से 7 सीटों की पेशकश की है.आम आदमी पार्टी की मुख्य राष्ट्रीय प्रवक्ता प्रियंका कक्कड़ ने भी कहा था कि अभी बातचीत चल रही है. जल्द ही कुछ निष्कर्ष सामने आएगा.
बीजेपी ने साधा निशाना
वहीं, हरियाणा में AAP-कांग्रेस गठबंधन पर भाजपा नेता शाहजाद पूनावाला ने कहा, "INDI गठबंधन के पास कोई मिशन और विजन नहीं है. उनके पास सिर्फ़ अपनी महत्वाकांक्षाएं हैं. वे अपने भ्रष्टाचार को बचाना चाहते हैं. इसलिए वे कुछ जगहों पर गठबंधन बनाते हैं, हालांकि, बाद में यह टूट जाता है. पंजाब में AAP और कांग्रेस एक दूसरे के खिलाफ़ हैं. दिल्ली में वे पहले 'हम साथ-साथ हैं' थे. और अब हरियाणा में (AAP और कांग्रेस के बीच) 'कभी हां और कभी न' चल रहा है. यह हरियाणा में उनकी हताशा को दर्शाता है. हरियाणा में एक दूसरे के खिलाफ़ खड़े राजनीतिक दलों को भी एक साथ आना पड़ रहा है. इसका मतलब है कि अगर वे अकेले चुनाव लड़ते हैं तो उन्हें हरियाणा में लोगों का समर्थन मिलने की कोई गारंटी नहीं है."