चंडीगढ़: हरियाणा में विधानसभा के चुनाव सिर पर हैं, लेकिन राज्य में कांग्रेस बिखरती हुई नज़र आ रही है. प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेन्द्र हुड्डा सिर्फ़ की मांग है कि कांग्रेस आलाकमान प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अशोक तंवर को हटाकर उन्हें यानी हुड्डा परिवार को कमान सौंपे. भूपेन्द्र हुड्डा यहीं मांग लोकसभा चुनाव के दौरान भी कर रहे थे. हालांकि कांग्रेस आलाकमान हुड्डा की इस मांग को लेकर कोई बदलाव करती नहीं दिख रही.


हुड्डा ने 18 अगस्त को रोहतक में बुलाई ‘महा परिवर्तन रैली’


दरअसल रविवार को भूपेन्द्र हुड्डा समर्थित विधायकों ने दिल्ली मे हुड्डा निवास पर बैठक बुलाई, जिसमें सभी ने एक सुर मे कहा कि अब “करने या मरने” का समय आ गया है. अगर राहुल गांधी कोई फ़ैसला नहीं करते हैं तो हमें जल्दी ही फ़ैसला लेने कि ज़रूरत है. ऐसे मे भूपेन्द्र हुड्डा ने 4 अगस्त को रोहतक मे कार्यकर्ताओं की मीटिंग बुला ली है और उसके बाद 18 अगस्त को रोहतक में ही ‘महापरिवर्तन रैली’ बुलाकर हरियाणा कांग्रेस की राजनीति में बड़ा फ़ैसला कर सकते हैं.


इससे पहले जब लोकसभा चुनाव की हार की समीक्षा बैठक हुई थी तो हरियाणा के प्रभारी ग़ुलाम नबी आज़ाद ने राहुल गाधी के सामने एक रिपोर्ट देते हुए कहा था कि राज्य पूरे तरीक़े से जाट ग़ैर जाट मैं बंटा हुआ है. ऐसे में ग़ैर जाट ने बीजेपी को वोट दिया. अगर जाट वोट साथ रखना है तो हमें प्रदेश की किसी जाट नेता को देनी चाहिए. सूत्रों ने बताया कि ग़ुलाम नबी आज़ाद का इशारा भूपेन्द्र हुड्डा की तरफ़ था, लेकिन उसके बाद भी कोई फ़ैसला नहीं हुआ.


राहुल गांधी पर दबाव बनाना चाहते हैं हुड्डा समर्थक


जानकार बता रहे है भूपेन्द्र हुड्डा कार्यकर्ता सम्मेलन और परिवर्तन रैली के ज़रिए राहुल गांधी पर दबाव बनाना चाहते हैं, ताकि जल्द कोई फ़ैसला लिया जाए. ऐसे में सवाल है कि  अगर कांग्रेस आलाकमान कोई फ़ैसला नहीं लेता है तो ऐसी सूरत मे भूपेन्द्र हुड्डा और उनके समर्थित विधायक फिर क्या करेंगे?


राहुल गांधी के नज़दीकी सूत्रों को कहना है कि राहुल मानते हैं कि जिस तरीक़े से बीजेपी ने पूरा देश हिन्दू और मुस्लिम में बांटा हुआ है इसी तरीक़े से हरियाणा जाट और ग़ैर जाट में बंटा है. ऐसे मैं किसी जाट नेता को हरियाणा कांग्रेस की कमान नहीं दे सकते. फिर चाहे वो हुड्डा परिवार हो या रणदीप सुरजेवाला.


लोकसभा चुनाव में कांग्रेस एक भी सीट हरियाणा में नही जीत पाई थी और अब दो महीने बाद हरियाणा में विधानसभा चुनाव होने जा रहे हैं. गौरतलब है कि अशोक तंवर को साल 2014 के चुनाव से पहले हरियाणा कांग्रेस का अध्यक्ष बनाया गया था.


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