MP के बाद अब हरियाणा में बढ़ीं कांग्रेस की मुश्किलें, भूपेंद्र हुड्डा ने किए एक तीर से दो शिकार
हरियाणा कांग्रेस के दिग्गज नेता भूपेंद्र हुड्डा ने पार्टी के सामने शर्त रखी है कि दीपेंद्र हुड्डा को पार्टी प्रदेश अध्यक्ष बनाए या फिर राज्यसभा भेजे.
नई दिल्ली: मध्यप्रदेश के बाद हरियाणा कांग्रेस राज्यसभा सीट को लेकर टूटने के कगार पर है. हरियाणा से कांग्रेस को एक राज्यसभा सीट मिलनी है. लेकिन फैसला होने से पहले ही हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने दिल्ली में 24 विधायकों के साथ शक्ति प्रदर्शन कर साफ कर दिया है कि उनके बिना राज्यसभा सीट का फैसला नहीं हो सकता है.
हरियाणा से फिलहाल कुमारी शैलजा राज्यसभा में हैं और साथ ही प्रदेश कांग्रेस की अध्यक्ष भी हैं. इसी बात को मुद्दा बनाकर भूपेंद्र हुड्डा ने कहा, "अगर कुमारी शैलजा को राज्यसभा भेजना है तो हरियाणा कांग्रेस के अध्यक्ष का पद दीपेंद्र हुड्डा को दिया जाए. उन्होंने कहा कि अगर कुमारी शैलजा को अध्यक्ष रहना है तो दीपेन्द्र हुड्डा को राज्यसभा भेज जाना चाहिए.
इसके साथ ही भूपेंद्र हुड्डा ने कांग्रेस आलाकमान के सामने यह शर्त भी रखी है कि रणदीप सुरजेवाला को किसी भी राज्य से राज्यसभा ना भेजा जाए. पहले कुमारी शैलजा और अब रणदीप सुरजेवाला दोनों की मुश्किलें बढ़ती दिख रहीं हैं या यूं कहा जाए कि भूपेंद्र हुड्डा ने एक तीर से दो शिकार कर दिए हैं.
दरअसल इसकी बड़ी वजह है कि हरियाणा में कुल 31 विधायक कांग्रेस के पास हैं। जिसमें ज्यादातर हुड्डा खेमे से आते हैं. ज्योतिरादित्य सिंधिया के बीजेपी जाने के बाद से कांग्रेस में राज्यसभा का गणित पूरी तरह से बदल गया है. अब एक बार फिर कांग्रेस के सीनियर नेताओं ने कमान अपने हाथ में ले ली है.
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