चंडीगढ़: हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री और प्रदेश के दिग्गज कांग्रेस नेता भूपेंद्र सिंह हुड्डा कांग्रेस में ही बने रहेंगे. सूत्रों के मुताबिक भूपेंद्र सिंह हुड्डा की तरफ से आयोजित एक रैली में एक कमेटी बनाई जाएगी जो अगले हफ्ते में अपनी रिपोर्ट हुड्डा को सौंपेगी. ये कमेटी भविष्य की राजनीति पर जनता की भावना जानेगी.


नई पार्टी बनाकर चुनाव में जाना ठीक नहीं- लोगों ने दी राय


इससे पहले खबर थी कि रोहतक में अपनी “परिवर्तन रैली” में भूपेंद्र सिंह हुड्डा नई पार्टी का एलान कर सकते हैं. . सूत्रों के मुताबिक हुड्डा परिवार ने अपने शुभचिंतकों से राय मशविरा करने के बाद कांग्रेस में ही बने रहने का फैसला किया है. अधिकतर लोगों ने हुड्डा को राय दी कि इतने कम समय में नई पार्टी बनाकर चुनाव में जाना ठीक नहीं रहेगा.


दराअसल लम्बे समय से हुड्डा परिवार हरियाणा कांग्रेस के अध्यक्ष अशोक तंवर को हटाने की मांग कर रहे हैं. हुड्डा परिवार के नज़दीकी सूत्रों के मुताबिक़, भूपेन्द्र हुड्डा चाहते हैं कि उन्हें या फिर उनके बेटे दीपेन्द्र हुड्डा को हरियाणा कांग्रेस की कमान सौंपी जाए.


कांग्रेस आलाकमान के सामने क्या मुश्किलें हैं?


इस वक़्त कांग्रेस आलाकमान के सामने मुश्किल ये है कि अगर रैली से पहले राज्य की कमान हुड्डा परिवार को देते हैं तो ये संदेश जाएगा कि गांधी परिवार झुक गया है और दूसरा अभी सोनिया गांधी ने पार्टी की कमान फिर से संभाली है तो ये लगेगा कि राहुल गांधी नहीं चाहते थे कि वो भूपेन्द्र हुड्डा को हरियाणा का अध्यक्ष बनाए. सोनिया गांधी और उनके रणनीतिकार हुड्डा के साथ खड़े हैं.


17 अगस्त को दिनभर भूपेन्द्र हुड्डा दिल्ली मे इंतज़ार करते रहे कि सोनिया गांधी से मिलने का समय मिलेगा, लेकिन कोई मुलाक़ात नहीं हो पाई और आख़िर में भूपेन्द्र हुड्डा ने कमेटी का गठन करके अभी भी कांग्रेस आलाकमान से बातचीत का रास्ता खुला रखा है.


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