Haryana BJP: मिहिर भोज की मूर्ति के अनावरण को लेकर गुज्जर और राजपूत समुदायों के बीच टकराव का असर हरियाणा बीजेपी पर भी दिखाई दे रहा है. कैथल में बीजेपी के सभी राजपूत नेताओं ने पार्टी को अपना इस्तीफा भेजा है और कहा कि जब तक उन्हें इस बात का स्पष्टीकरण नहीं मिल जाता कि उनके लोगों पर क्यों लाठीचार्ज किया गया, तब तक उनका बीजेपी से कोई रिश्ता नहीं है. 


बीजेपी किसान मोर्चा के नेता संजीव राणा ने कहा, "हमारे लोगों ने शांतिपूर्वक अपनी बात रखी, शांतिपूर्ण हमारा प्रदर्शन था, लेकिन जानबूझकर प्रशासन ने आंदोलन को  गुमराह करने और भटकाने के लिए लाठीचार्ज करवाया. हमारे कई युवकों को चोटें आई हैं. हमारे समाज ने ऐसा कौन सा क्राइम किया था." 


संजीव राणा बोले, वह 36 बिरादरियों के नेता थे
उन्होंने कहा कि एक महापुरुष, जो 36 बिरादरियों को साथ लेकर चलने वाले एक सम्राट थे, क्या उनको हिंदू सम्राट लिखवाना जुर्म है. अगर ये जुर्म है तो हम बार-बार करेंगे क्योंकि वह एक हिंदू थे, हिंदू हैं और हिंदू रहेंगे. उन्होंने दावा किया कि वह किसी एक बिरादरी के नहीं थे, 36 बिरादरी के नेता थे इसलिए हमने हिंदू सम्राट लिखने की बात कही. हमने कहा कि न राजपूत लिखो, ना गुर्जर लिखो जाति में मत बांटो और हिंदू सम्राट लिख दो, लेकिन उस पर भी आपत्ति. इसका मतलब ये है कि वे अपने आप को सर्वे सरवा समझ रहे हैं.


उन्होंने कहा कि जब तक मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर से हमारी बात पर स्पष्टीकरण नहीं मिल जाता, तब तक हम इस पर अड़े रहेंगे. उन्होंने कहा, "क्यों हमारे लोगों पर लाठीचार्ज किया गया, क्या उन्होंने क्राइम किया था? कैथल में बीजेपी से जुड़े सभी नेताओं और पदाधिकारियों ने पार्टी से इस्तीफा दे दिया है. जब तक हमें इस पर स्पष्टीकरण नहीं मिल जाता, तब तक हमारा बीजेपी से कोई नाता नहीं है."


संजीव राणा ने कहा, पूरे देश का राजपूत समाज इसके विरोध में है
संजीव राणा ने बताया कि उन्होंने माननीय प्रदेश अध्यक्ष ओम प्रकाश धनखड़ और वेद प्रकाश जी को इस्तीफा भेज दिया है. साथ ही उन्होंने यह भी दावा किया, "हमारे पूरे समाज ने इस्तीफा दिया है. इस तरह दूसरे जिलों और राज्यों में भी हमारा समाज इस्तीफा देगा. पूरे देश का राजपूत समाज आज इसके विरोध में है और अपने हक हकूक की लड़ाई के लिए सड़कों पर उतरा है और आगे भी उतरेगा."


यह भी पढ़ें:
Rozgar Mela 2023: 'फोन बैंकिंग घोटाला पिछली सरकार के सबसे बड़े घोटालों में से एक', गांधी परिवार पर PM मोदी का अटैक