सिरसा में अपनी दो शिष्याओं से दुष्कर्म के आरोप में 20 साल जेल की सजा काट रहे राम रहीम को हाल में 40 दिन की पैरोल मिली थी.
पैरोल पर विवाद
हरियाणा में 3 नवंबर को आदमपुर उपचुनाव और पंचायत चुनाव है. उसे पहले डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत राम रहीम सिंह को पैरोल देने के फैसले से राज्य में विवाद खड़ा हो गया है. यहां संवाददाता सम्मेलन में राम रहीम की पैरोल के बारे में पूछे जाने पर खट्टर ने कहा कि पैरोल दिलाने में उनकी कोई भूमिका नहीं है.
नियम सभी कैदियों के लिए
हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने राज्य में अपनी सरकार के आठ साल पूरे होने पर आयोजित संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘‘इसमें मेरी कोई भूमिका नहीं थी, अदालतें कारावास की घोषणा करती हैं और एक दोषी जेल जाता है. इसके बाद जेल के नियम सभी कैदियों पर लागू होते हैं.’’
कांग्रेस ने भी सवाल उठाए थे
डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत राम रहीम की पैरोल को लेकर कांग्रेस ने भी सवाल उठाए थे, जिस पर जेल मंत्री चौधरी रणजीत सिंह चौटाला ने कहा था कि पैरोल और आदमपुर उपचुनाव एक साथ होना सिर्फ इत्तेफाक है. चुनाव को लेकर राम रहीम को पैरोल नहीं दी गई है. चौधरी रणजीत सिंह चौटाला ने कहा कि "पैरोल देना कोर्ट का मामला है.
इसमें जेल विभाग का कोई रोल नहीं है. राम रहीम के सत्संग में कई बीजेपी नेताओं के शामिल होने पर उन्होंने कहा कि शामिल होने वाले लोगों की यह अपनी निजी आस्था है. बता दें कि जेल प्रशासन पर कैद में बंद राम रहीम की रखवाली और देखरेख करने की जिम्मेवारी होती है. किसी के पैरोल पर जेल से बाहर आने के बाद संबंधित अथॉरिटी ही देखरेख करती है.
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