कृषि संबंधी नए कानूनों के विरोध में दिल्ली पहुंचे प्रदर्शनकारी किसानों से हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने कहा कि वे आंदोलन का रास्ता छोड़ दें. सीएम खट्टर ने कहा कि केन्द्र सरकार हमेशा उनसे बातचीत के लिए तैयार है. खट्टर ने उन सभी से अपील करते हुए कहा, 'मेरे सभी किसान भाइयों से अपील है कि वे अपनी सभी जायज मुद्दों के लिए सीधे केन्द्र से बातचीत करें. आंदोल इसका जरिया नहीं है. इसका हल बातचीत से ही निकलेगा.'
इससे पहले, मनोहर लाल खट्टर ने पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह पर निशाना साधते हुए उनसे कहा था कि वे भोली-भाली किसानों को उकसाना बंद करें. हालांकि, इसके बाद दोनों राज्यों के मुख्यमंत्री के बीच जुबानी जंग और तेज हो गई. इसके बाद अमरिंदर ने खट्टर से पूछा कि क्या वे किसानों प्रदर्शन के लिए उकसा रहे हैं.
खट्टर ने साधा था अमरिंदर पर निशाना
मनोहर लाल खट्टर ने ट्टीट की एक शृंखला में कैप्टन अमरिंदर सिंह से कहा था, ''कैप्शन जी, मैंने इसे पहले कहा है और मैं इसे फिर से कह रहा हूं, मैं राजनीति छोड़ दूंगा अगर एमएसपी पर किसानों को कोई परेशानी होगी. इसलिए, निर्दोष किसानों को उकसाना बंद करें.''
खट्टर ने आगे कहा- 'आपके झूठ, धोखे और प्रॉपगेंडा का वक्त खत्म हो गया है. वक्त आ गया है कि लोग अब अपका असली चेहरा देखें. कृपया कोरोना महामारी के दौरान लोगों के जीवन को खतरे में डालना बंद करें. मैं आपसे लोगों के जीवन के साथ नहीं खेलने का आग्रह करता हूं. कम से कम महामारी के समय सस्ती राजनीति से बचें.''
अमरिंदर बोले- अगर मैं उसका रहा तो हरियाणा में प्रदर्शन क्यों?
हालांकि, खट्टर के इस ट्वीट के बाद अमरिंद सिंह भड़क गए. उन्होंने मनोहर लाल खट्टर से पूछा कि क्या वे किसानों को प्रदर्शन के लिए उकसा रहे हैं. अमरिंदर ने ट्वीट करते हुए कहा- “खट्टर जी, आपकी प्रतिक्रियाओं से हैरान हूं. वे किसान हैं जिन्हें MSP पर संतुष्ट करने की जरूरत है, मुझे नहीं. 'दिल्ली चलो' से पहले आपको उन किसानों से बात करना चाहिए थी. और अगर आप ये सोचते हैं कि मैं किसानों को उकसा रहा हूं तो फिर हरियाणा के किसान क्यों मार्च कर रहे हैं?”
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