Kisan Andolan: न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) सहित अन्य मुद्दों को लेकर दिल्ली मार्च कर रहे किसान बॉर्डर पर रुके हुए हैं. आज गुरुवार (15 फरवरी) को केंद्र सरकार और किसान नेताओं के बीच चंडीगढ़ में बैठक होने वाली है. मामले पर तमाम तरह की प्रतिक्रियाएं भी आ रही हैं. हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने कहा कि किसानों ने तो सेना के आक्रमण जैसा माहौल बना दिया.
उन्होंने प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए कहा, “उनकी हरियाणा से नहीं बल्कि केंद्र सरकार से मांग है. दिल्ली जाना हर किसी का लोकतांत्रिक अधिकार है लेकिन उसका मोटिव भी ध्यान में रखना चाहिए. इसका अनुभव हम एक दो साल पहले भी देख चुके हैं कि लोगों को कितनी परेशानियों का सामना करना पड़ा था. आज भी उन लोगों की वीडियो सामने आ रही हैं. ऐसा लग रहा है कि जिस प्रकार से कोई सेना आक्रमण करने चलती है इस प्रकार का महौल बनाया जा रहा है.”
'दिल्ली पहुंचने के तरीके से आपत्ति'
उन्होंने आगे कहा, “ये लोग ट्रैक्टर, ट्रॉली और जेसीबी, कई महीनों का राशन साथ लेकर चल रहे हैं. जब इस तरह का आह्वान किया जाता है तो सुरक्षा का ध्यान देना बेहद जरूरी है. इसलिए उनका जो तरीका है उस तरीके पर ही आपत्ति है. दिल्ली जाने में आपत्ति नहीं है. पब्लिक ट्रांसपोर्ट है और भी कई वाहन हैं उसमें जाएं लेकिन ट्रैक्टर और ट्राली पब्लिक ट्रांसपोर्ट नहीं हैं. ये तो खेती वाड़ी के लिए इस्तेमाल होने वाला वाहन है.’
‘देश में ऐसे लोगों की स्वीकार्यता नहीं’
किसान नेता जगजीत सिंह दल्लेवाल की 'हमें पीएम मोदी का ग्राफ नीचे लाना है' वाली टिप्पणी पर हरियाणा के सीएम मनोहर लाल खट्टर ने कहा, "यह एक राजनीतिक बयान है. क्या इतना बड़ा विरोध प्रदर्शन होने पर लोग पीएम मोदी का समर्थन करना बंद कर देंगे? जनता में यह संदेश प्रसारित हो रहा है कि यह विरोध का सही तरीका नहीं है.''
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