Haryana: सीएम मनोहर लाल खट्टर ने किया कृषि कानून को वापस लेने के फैसले का स्वागत, कहा- प्रधानमंत्री ने दिखाया बड़ा मन
Farm Laws Repeal: हरियाणा के उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने कहा कि केंद्र के इस फैसले को पिछले एक साल से प्रदर्शन कर रहे किसानों को दिए तोहफे के तौर पर देखाना जाना चाहिए.
Farm Laws Repeal: पीएम नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) ने आज राष्ट्र के नाम संबोधन में पिछले करीब एक साल से विवादों में घिरे तीन कृषि कानूनों (Farm Law) को वापस लिए जाने की घोषणा कर दी. पीएम के इस फैसले पर हरियाणा के सीएम मनोहर लाल खट्टर (ML Khattar) ने कहा, "अगर प्रधानमंत्री ने कानून वापसी की बात कही है तो यह जरूर होगा. उन्होंने बड़ा मन दिखाया है. यह कानून छोटे किसानों की भलाई के लिए था."
वहीं MSP के बारे में बात करते हुए उन्होंने कहा, "इसको लेकर फिलहाल जो संशय बना हुआ है, उसके लिए पीएम ने एक कमेटी बनाने की बात कही है, जिसके बाद यह भी स्पष्ट किया जाएगा."
I appeal to everyone to mutually move forward on the issue of farm laws. As far as MSP is concerned, since it's a suggestion from farmers, PM has announced that a committee comprising farmers, states, Centre...will be formed to take a decision on the matter: Haryana CM ML Khattar pic.twitter.com/AudH6NRvl7
— ANI (@ANI) November 19, 2021
दुष्यंत चौटाला ने किया फैसले का स्वागत
वहीं हरियाणा के उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने कृषि कानूनों को वापस लिए जाने के फैसले का स्वागत किया है. उन्होंने कहा कि केंद्र के इस फैसले को पिछले एक साल से प्रदर्शन कर रहे किसानों को दिए तोहफे के तौर पर देखाना जाना चाहिए. इसके साथ ही उन्होंने प्रदर्शन कर रहे किसानों को अपने अपने घर लौटने की अपील भी की है.
उन्होंने कहा, "कृषि कानूनों को वापस लेने के फैसले को किसानों को तोहफे की तरफ देखना चाहिए. मैं पिछले साल भर से प्रदर्शन कर रहे सभी किसानों से आग्रह करता हूं की अपने घर लोट जाएं और अपने परिवार के साथ गुरु पर्व मनाएं."
तीन कृषि कानूनों को रद्द करने का एलान
बता दें मोदी सरकार ने भले ही तीन कृषि कानूनों को रद्द करने का एलान कर दिया है. लेकिन, मोदी सरकार को लेकर किसानों की नाराजगी कम नहीं हुई है. आंदोलन की अगुवाई कर रहे संयुक्त किसान मोर्चा ने कृषि कानून के खिलाफ चली लड़ाई में हुई 700 किसानों की मौत के लिए मोदी सरकार को जिम्मेदार ठहराया है. इसके साथ ही संयुक्त किसान मोर्चा ने साफ कर दिया है कि उनकी जब तक उनकी सभी मांगें नहीं मानी जाती हैं तब तक किसान आंदोलन जारी रहेगी.
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