हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने केंद्र के नये कृषि कानूनों के खिलाफ विरोध प्रदर्शन कर रहे किसानों से कोविड-19 के बढ़ते मामलों के मद्देनजर ‘मानवता के आधार’ पर आंदोलन वापस लेने की गुरुवार को अपील की.
मुख्यमंत्री ने यह अपील ऐसे समय की है, जब राज्य सरकार ने संक्रमण के प्रसार को रोकने के लिए बंद स्थानों और खुले स्थानों पर आयोजित होने वाले कार्यक्रमों में लोगों की अधिकतम संख्या घटाकर क्रमश: 50 और 200 निर्धारित कर दी है. इससे पहले, राज्य सरकार ने खुले स्थानों पर आयोजित होने वाले कार्यक्रम में 500 लोगों के और बंद स्थान पर होने वाले कार्यक्रम में 200 लोगों के शामिल होने की अनुमति दी थी.
खट्टर बोले- आंदोलन वापस लें किसान
खट्टर ने कहा कि विरोध प्रदर्शन करना प्रत्येक व्यक्ति का संवैधानिक अधिकार है और सरकार को कोई समस्या नहीं है, अगर वह शांतिपूर्ण तरीके से होता है. उन्होंने कहा कि लेकिन कोविड-19 के बढ़ते मामलों की वजह से पैदा स्थिति चिंता का विषय है.
आधिकारिक बयान के मुताबिक महामारी की स्थिति की समीक्षा करने के लिए बुलाई गई बैठक के दौरान उन्होंने कहा, ‘‘इस समय, कोविड-19 की वजह से जीवन को खतरा हो सकता है. यह विरोध प्रदर्शन करने का सही समय नहीं है.’’ मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘ किसानों को अपना आंदोलन ‘मानवता के आधार’ पर वापस ले लेना चाहिए.’’ उन्होंने कहा कि स्थिति में सुधार होने के बाद वे अपना प्रदर्शन जारी रख सकते हैं. मुख्यमंत्री ने जिला उपायुक्तों को भी निर्देश दिया कि वे प्रदर्शनकारी किसानों से संपर्क करें और उन्हें इसके लिए मनाए.
अनिल विज ने केन्द्रीय कृषि मंत्री को लिखा पत्र
इससे पहले, हरियाणा के स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज ने केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर को पत्र लिखकर अनुरोध किया है कि वो केंद्र के तीन कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे किसानों के साथ बातचीत फिर शुरू करें क्योंकि कोरोना वायरस संक्रमण का खतरा लगातार मंडरा रहा है. देश भर में कोरोना वायरस के मामलों में बढ़ोतरी और हरियाणा में भी “खराब होती स्थिति” का हवाला देते हुए विज ने कहा कि वह दिल्ली से लगी राज्य की सीमा पर प्रदर्शन कर रहे किसानों के बारे में चिंतित हैं.
अनिल विज ने कहा, “हरियाणा में कोरोना वायरस संक्रमण की स्थिति को नियंत्रण में लाने के लिये सभी प्रयास किये जा रहे हैं, लेकिन हजारों प्रदर्शनकारी किसानों को लेकर चिंता बनी हुई है, जो हरियाणा की सीमा पर बैठे हैं और मुझे उनको कोरोना से बचाना है.” विज ने 9 अप्रैल को लिखे अपने पत्र में कहा, “एक चिंता यह भी है कि उनसे यह बीमारी पूरे राज्य में न फैल जाए.”
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