Nuh DSP Murder: हरियाणा के नूंह जिले में अवैध खनन (Illegal Mining) की जांच के दौरान डीएसपी सुरेंद्र सिंह बिश्नोई (Surender Singh Bishnoi) की मंगलवार को खनन माफिया ने हत्या कर दी. इस मामले में पुलिस ने जहां एक आरोपी को गिरफ्तार है तो वहीं सरकार की ओर से भी पीड़ित परिवार के लिए सहायता राशि की घोषणा की गई है. जानिए मामले से जुड़ी बड़ी बातें.
- नूंह जिले के तावडू के डीएसपी सुरेंद्र सिंह ने मंगलवार को दस्तावेजों की जांच के लिए एक डंपर-ट्रक को रुकने का इशारा किया, लेकिन चालक ने वाहन नहीं रोका और डीएसपी को कुचल दिया. डीएसपी के चालक और सुरक्षाकर्मी ने सड़क के किनारे कूदकर अपनी जान बचाई, लेकिन सुरेंद्र सिंह ट्रक की चपेट में आ गए. जिसके बाद उन्हें अस्पताल ले जाया गया जहां उनकी मौत हो गई.
- पुलिस के अनुसार, सुरेंद्र सिंह अपनी टीम के साथ तावडू के निकट पचगांव में अरावली पहाड़ियों में अवैध पत्थर खनन पर रोक के वास्ते छापे मारने गये थे और करीब 11 बजकर 50 मिनट पर उन्होंने ट्रक को देखकर रुकने का इशारा किया था. डीएसपी की हत्या के बाद चालक डंपर सहित फरार हो गया था. जिसके तुरंत बाद हरियाणा पुलिस ने आरोपी की गिरफ्तारी के लिए छापेमारी शुरू कर दी.
- पुलिस की 8 टीमों का गठन किया गया था. जिसमें पड़ोसी जिलों से सीआईए की टीमें भी शामिल थीं. डीएसपी की मौत के कुछ घंटे बाद पुलिस ने कहा कि पुलिस अधिकारी की हत्या में शामिल एक व्यक्ति को एक मुठभेड़ के बाद घायलावस्था में गिरफ्तार कर लिया गया.
- हरियाणा के डीजीपी (DGP) पीके अग्रवाल ने घटनास्थल का दौरा किया. उन्होंने कहा, "एक संदिग्ध को मुठभेड़ के बाद गिरफ्तार किया गया है. संदिग्ध को मुठभेड़ के दौरान पैर में गोली लगी है और उसके बाद उसे गिरफ्तार किया गया." साथ ही उन्होंने बताया कि गिरफ्तार व्यक्ति मुख्य अरोपी नहीं है. पुलिस टीम ट्रक चालक की गिरफ्तारी के लिए प्रयास कर रही है.
- हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर (Manohar Lal Khattar) ने इस मामले में दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई का भरोसा दिया. सीएम ने कहा कि, "डीएसपी तावडू (नूंह) सुरेंद्र सिंह की हत्या के मामले में कड़ी से कड़ी कार्रवाई करने के आदेश दे दिए गए हैं. एक भी दोषी को बख्शा नहीं जाएगा. शोकाकुल परिजनों के साथ मेरी गहरी संवेदनाएं हैं. हम डीएसपी के परिवार के साथ खड़े हैं."
- सीएम मनोहर लाल खट्टर ने एलान किया है कि पीड़ित परिवार को 1 करोड़ रुपये की आर्थिक मदद और एक सदस्य को नौकरी दी जाएगी. इसके साथ ही डीएसपी सुरेंद्र सिंह शहीद का दर्जा मिलेगा.
- हरियाणा विधानसभा में विपक्ष के नेता भूपेंद्र सिंह हुड्डा (Bhupinder Hooda) ने दावा किया कि राज्य में कानून-व्यवस्था की स्थिति ध्वस्त हो चुकी है. पूर्व सीएम ने कहा, ‘‘हमने बार-बार कहा है कि आम आदमी असुरक्षित महसूस कर रहा है और हाल के दिनों में कई विधायकों को भी धमकियां मिली हैं. ऐसा प्रतीत होता है कि सरकार का यहां अस्तित्व नहीं है और कानून का शासन नहीं है.’’
- आम आदमी पार्टी के नेता और दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) ने भी डीएसपी की हत्या पर शोक जताया. उन्होंने ट्वीट किया, ‘‘अत्यंत दुखद, हरियाणा में एक पुलिस अधिकारी की मौत सरकार की सम्पूर्ण प्रणाली की विफलता का परिणाम है. जनता कैसे सुरक्षित होगी, जब पुलिस ही सुरक्षित नहीं है?"
- कांग्रेस के वरिष्ठ नेता रणदीप सिंह सुरजेवाला (Randeep Surjewala) ने इस घटना की न्यायिक जांच कराये जाने की मांग की और आरोप लगाया है कि खनन माफियाओं की राज्य सरकार से सांठगांठ है. उन्होंने कहा, ‘‘क्या मुख्यमंत्री नहीं जानते हैं कि यमुनानगर से नूंह तक एक खनन माफिया फल-फूल रहा है? सरकार मूक दर्शक की तरह क्यों बर्ताव कर रही है?’’
- हरियाणा पुलिस (Haryana Police) में डीएसपी सुरेंद्र सिंह की भर्ती 1994 में सहायक उपनिरीक्षक के पद पर हुई थी और वह कुछ महीनों में ही सेवानिवृत्त होने वाले थे. मूल रूप से हिसार (Hisar) जिले के सारंगपुर गांव के निवासी डीएसपी सिंह कुरुक्षेत्र (Kurukshetra) में अपने परिवार के साथ रह रहे थे.
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