नई दिल्ली: हरियाणा के विधानसभा चुनाव में टिकटों के बंटवारे को लेकर संघर्ष चल रहा है. हरियाणा कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष अशोक तंवर ने स्क्रीनिंग कमेटी के चेयरमैन मधुसूदन मिस्त्री को सुझाव भेजे और कहा कि टिकट बंटवारे को लेकर क्राइटेरिया होना चाहिए.
अशोक तंवर ने कई ऐसे सुझाव दिए हैं जिनसे कांग्रेस के बाक़ी नेताओं की मुश्किलें बढ़ सकती हैं.
पहला सुझाव जिसमें अशोक तंवर ने कहा, जो लोग लोकसभा चुनाव लड़े हैं उन्हें टिकट नहीं मिलने चाहिए. तंवर का इशारा भूपेंद्र हुड्डा और दीपेंद्र हुड्डा की तरफ़ था. दोनों ही लोगों ने हाल ही में लोकसभा चुनाव लड़ा था.
दूसरा सुझाव था कि जिन लोगों ने राज्यसभा चुनावों में सोनिया गांधी को धोखा दिया और जिन विधायकों ने क्रॉस वोटिंग करके सुभाष चंद्रा को राज्यसभा सांसद बनने में मदद की उन विधायकों को टिकट नहीं मिलनी चाहिए. इस सुझाव में भी वो सभी विधायक शामिल हैं जो भूपेंद्र हुड्डा के साथ हैं.
तीसरे सुझाव में अशोक तंवर ने कहा कि इंडियन नेशनल लोकदल से आए हुए लोगों को टिकट नहीं देना चाहिए. हाल ही में आइएनएलडी के पूर्व अध्यक्ष अशोक अरोड़ा कांग्रेस पार्टी में शामिल हुए थे.
इसके अलावा जो लोग लगातार दो बार चुनाव हार चुके हैं और जिनकी ज़मानत ज़ब्त हुई है उन्हें भी टिकट नहीं मिलना चाहिए.
इसके साथ ही अशोक तंवर ने यह भी कहा जिनकी आयु 70 साल से ऊपर है उन्हें टिकट न दी जाए और जिन लोगों ने पिछले पांच साल में संघर्ष किया है उन्हें पार्टी आगे करे. ज़्यादा से ज़्यादा युवाओं को टिकट मिलना चाहिए.
अशोक तंवर के इन तमाम सुझावों में साफ़ नज़र आता है कि उनका निशाना हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र हुड्डा की ओर है. उनके तमाम सुझाव ऐसे हैं जिससे भूपेन्द्र हुड्डा की राह में मुश्किलें पैदा हो सकें. अब सवाल ये कि क्या कांग्रेस आलाकमान अशोक तंवर के सुझावों पर अमल करेंगे?