चंडीगढ़: हरियाणा में विधानसभा चुनावों के लिए पर्चा वापस लेने की तारीख खत्म हो गई है. कुछ राजनीतिक दलों के बागी उम्मीदवार अब भी मैदान में डटे हुए हैं. इनमें से रेवाडी के विधायक रणधीर काप्रिवास हैं. भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने रणधीर को दोबारा टिकट नहीं दिया है. उन्होंने सोमवार को कहा कि वह निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर चुनाव लड़ रहे हैं.
हालांकि, गुड़गांव में बीजेपी को राहत मिली है और मौजूदा विधायक उमेश अग्रवाल की पत्नी अनीता अग्रवाल ने पर्चा वापस ले लिया है. पति का टिकट कटने के बाद अनीता ने निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर पर्चा दाखिल किया था.
'आप को लगा झटका'
वहीं आम आदमी पार्टी को बड़ा झटका लगा है. पार्टी के उम्मीदवार जीतेंद्र कौशिक ने अपना नॉमिनेशन वापस ले लिया है. जीतेंद्र कौशिक ने यह कदम बीएसपी उम्मीदवार सुरेंद्र को समर्थन देने के लिए उठाया.
बीएसपी के प्रवक्ता ने बताया कि जीतेंद्र कौशिक ने सुरेंद्र को समर्थन देने का एलान करते हुए अपना पर्चा वापस ले लिया है. बता दें कि पृथ्ला विधानसभा सीट पर 2014 में बीएसपी उम्मीदवार टेक चंद ने बीजेपी के कैंडिडेट को मात दी थी.
पृथ्ला सीट पर 12 उम्मीदवार मैदान में
फरीदाबाद जिले की 6 विधानसभा सीटों पर कुल 94 उम्मीदवारों ने पर्चा दाखिल किया था. इनमें से 21 उम्मीदवारों का पर्चा रद्द हो गया, जबकि 73 उम्मीदवारों के नॉमिनेशन सही पाए गए हैं. पृथ्ला विधानसभा सीट पर 12 उम्मीदवारों के बीच टक्कर होगी.
हरियाणा विधानसभा चुनाव के लिए नॉमिनेशन वापस लेने की आखिरी तारीख 7 अक्टूबर थी. हरियाणा चुनाव में कई राजनीतिक दल मैदान में हैं.
माना जा रहा है कि मुख्य मुकाबला सत्तारूढ़ बीजेपी और मुख्य विपक्षी कांग्रेस के बीच है. प्रदेश में 90 सदस्यीय विधानसभा के लिए 21 अक्टूबर को मतदान कराया जाएगा जबकि 24 अक्टूबर को मतों की गिनती होगी.
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