हरियाणा में एक हफ्ते के लिए बढ़ाया गया लॉकडाउन, दुकानदारों के समय में हुआ बदलाव
हरियाणा में शनिवार को कोरोना संक्रमण से 97 और लोगों की मौत होने से मृतकों की संख्या बढ़कर 8,132 हो गई. जबकि इस महामारी के 1,868 नए मामले सामने आने से संक्रमितों की कुल संख्या बढ़कर 7 लाख 53 हजार 937 पर पहुंच गई.
चंडीगढ़: दुकानदारों के समय में कुछ बदलाव करते हुए हरियाणा में एक हफ्ते के लिए लॉकडाउन बढ़ा दिया गया है. अब यहां सात जून की सुबह तक लॉकडाउन रहेगा. हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने कहा कि महामारी अलर्ट सुरक्षित हरियाणा को कुछ छूट देते हुए एक हफ्ते के लिए बढ़ाया जा रहा है.
राज्य में दुकाने खुलने का समय जो पहले सुबह 7 बजे से 12 बजे तक था वो अब सुबह 9 बजे से 3 बजे तक किया जाएगा. इसमें ऑड-ईवन का नियम लागू होगा. कॉलेज, आईटीआई और स्कूल 15 जून तक बंद रहेंगे. नाइट कर्फ्यू 10 बजे से सुबह 5 बजे तक रहेगा.
मुख्यमंत्री ने कहा, 'ब्लैक फंगस के लगभग 750 मामले आ चुके हैं जिसमें 58 ठीक हो चुके हैं, 50 की मौत हो हुई है और 650 का ईलाज चल रहा है. हमें अभी तक इसके दवा की 6000 से अधिक शीशियां मिल चुकी हैं जिसमें से 1200 शीशियां उपलब्ध हैं. अगले 2 दिन में 2000 शीशियां और आने वाली हैं.'
कोरोना से अनाथ हुए हरियाणा के बच्चों के लिए वित्तीय सहायता
हरियाणा सरकार ने शनिवार को उन बच्चों के लिए वित्तीय सहायता और अन्य सहायता की घोषणा की, जिन्होंने कोविड-19 के चलते अपने माता-पिता को खो दिया है. मुख्यमंत्री खट्टर ने कहा, राज्य सरकार इन अनाथ बच्चों की देखभाल करने वाले परिवारों को वित्तीय सहायता के रूप में प्रति बच्चा 2,500 रुपये की मासिक राशि देगी. यह आर्थिक सहायता बच्चे के 18 साल के होने तक दी जाएगी. इसके अलावा, ऐसे बच्चों के बैंक खातों में सालाना 12,000 रुपये की राशि भी अन्य खर्चों के रूप में जमा की जाएगी, जब तक कि वे 18 साल की आयु तक नहीं पहुंच जाते और शिक्षा प्राप्त कर रहे हैं.
मुख्यमंत्री ने यह भी घोषणा की कि राज्य सरकार बाल देखभाल संस्थान को प्रति माह 1500 रुपये प्रति अनाथ बच्चे के हिसाब से उनके पालन-पोषण के लिए वित्तीय सहायता प्रदान करेगी. वर्तमान में, हरियाणा में 59 बाल देखभाल संस्थान संचालित हैं. मुख्यमंत्री ने घोषणा की कि यह राशि आवर्ती जमा के रूप में बैंक खाते में जमा की जाएगी और परिपक्वता राशि 21 साल की आयु प्राप्त करने पर दी जाएगी, जबकि अन्य सभी खर्चे बाल देखभाल संस्थानों द्वारा ही वहन किए जाएंगे.
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