Gorakhpur Nuclear Power Plant: सेंट्रल साइंस एंड टेक्नोलॉजी राज्य मंत्री जितेंद्र सिंह ने कहा कि उत्तर भारत का पहला न्यूक्लियर पावर प्लांट हरियाणा के गोरखपुर में स्थापित किया जाएगा. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के शासन के दौरान, प्रमुख उपलब्धियों में से एक देश के अन्य हिस्सों में और न्यूक्लियर पावर प्लांट की स्थापना होगी.


न्यूक्लियर एनर्जी विभाग के अनुसार, न्यूक्लियर पावर प्लांट पहले देश के तमिलनाडु और आंध्र प्रदेश जैसे दक्षिण भारतीय राज्यों या महाराष्ट्र तक ही सीमित थे. जितेंद्र सिंह ने शनिवार को नई दिल्ली में इसकी घोषणा की और जानकारी दी. सिंह ने बताया कि भारत में न्यूक्लियर पावर प्लांट क्षमता बढ़ाने के लिए 10 न्यूक्लियर परमाणु रिएक्टरों की स्थापना के लिए केंद्र सरकार से मंजूरी दे दी गई है.


700 मेगावाट क्षमता की हैं दो यूनिट 
न्यूक्लियर पावर प्लांट गोरखपुर (Gorakhpur Nuclear Power Plant) में 700 मेगावाट क्षमता की दो यूनिट हैं जिनमें से हर में प्रेशराइज्ड हैवी वाटर रिएक्टर (Pressurized heavy-water reactor) स्वदेशी डिजाइन है. हरियाणा में फतेहाबाद जिले के गोरखपुर गांव के पास कार्य को ​लागू किया गया है.


जानकारी के मुताबिक काम में अब तक कुल 20,594 करोड़ रुपये की राशि से 4,906 करोड़ रुपये खर्च किए जा चुके हैं. न्यूक्लियर एनर्जी विभाग के बयान अनुसार अभी तक कुल फाइनेंशियल प्रोग्रेस 23.8 परसेंट है. विभाग ने बयान में कहा कि दूसरे मैन प्लांट बिल्डिंग और बिल्डिंग स्ट्रक्चर, जैसे फायर वाटर पंप हाउस (एफडब्ल्यूपीएच), सेफ्टी-रिलेटेड पंप हाउस (Safety-Related Pump House), फ्यूल ऑयल स्टोरेज एरिया, वेंटिलेशन स्टैक, ओवरहेड टैंक (Overhead Tank), स्विचयार्ड कंट्रोल बिल्डिंग और अन्य का निर्माण अच्छी तरह से चल रहा है.


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