राजधानी दिल्ली में गणतंत्र दिवस के दिन आंदोलनकारी किसानों की तरफ से निकाली गई ट्रैक्टर रैली के दौरान जो हिंसा हुई उसको देखते हुए पड़ोसी राज्य हरियाणा में भी भारी सख्ती बरती जा रही है. खट्टर सरकार ने आदेश दिया है कि वहां के तीन जिले- सोनीपत, पलवल और झज्जर में इंटरनेट और एसएमएस सेवाओं पर लगी रोक को 28 जनवरी की शाम 5 बजे तक के लिए बढ़ा दी गई है.


इधर, दिल्ली पुलिस कमिश्नर एसएन श्रीवास्तव ने 26 जनवरी को हुई हिंसा को लेकर बुधवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस की. उन्होंने कहा है कि गणतंत्र दिवस पर किसानों की ट्रैक्टर रैली के दौरान हुई हिंसा में 394 पुलिसकर्मी घायल हुए हैं. इनमें से कुछ ICU में हैं. पुलिस ने 25 से अधिक एफआईआर दर्ज की है. 19 लोगों को गिरफ्तार किया गया है और 50 लोगों को हिरासत में लिया गया है.





उन्होंने कहा कि हिंसा में शामिल किसी भी दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा. ट्रैक्टर रैली के दौरान हुई हिंसा में किसान नेता भी संलिप्त थे. किसान नेताओं से भी पूछताछ की जाएगी. एसएन श्रीवास्तव ने कहा कि पुलिसकर्मियों ने स्थितियों को उपयुक्त तरीके से निपटा, जिसके चलते हिंसा के दौरान पुलिस कार्रवाई में एक भी व्यक्ति मारा नहीं गया.


बता दें कि दिल्ली पुलिस ने योगेंद्र यादव, राकेश टिकैत, दर्शन पाल सिंह और मेधा माटकर समेत 37 किसान नेताओं के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है. श्रीवास्तव ने कहा कि ट्रैक्टर रैली दोपहर 12 बजे से शाम पांच बजे के बीच होनी थी और किसान संगठनों ने इसके लिए तय की गयी शर्तों का पालन नहीं किया. हमने उनसे अपील करते हुए कहा किन 26 को देश गणतंत्र दिवस मना रहा है अभी रैली नहीं करें. उन्होंने मना कर दिया.


एसएन श्रीवास्ताव ने कहा कि किसान नेताओं को लिखित प्रस्ताव दिया गया. इसमें कहा गया सिक्युरिटी को ध्यान में रखते हुए ये तय किया गया कि 12 बजे ट्रैक्टर मार्च शुरू हो. दूसरा मार्च किसान लीडर लीड करे. जत्थे के साथ लीडर चले. 5000 से ज्यादा ट्रैक्टर नहीं हो और कोई हथियार भी न हो. लेकिन वो अपने वादे से मुकर गए.


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