चंडीगढ़: हरियाणा में गृहमंत्री अनिल विज के साथ झगड़ा करना एक सीनियर पुलिस अधिकारी को महंगा पड़ गया. राज्य सरकार ने गृह मंत्री के भाई झगड़े के बाद पुलिस उपमहानिरीक्षक (डीआईजी) को मंगलवार को सस्पेंड कर दिया. गृह मंत्री के भाई के साथ हुए विवाद के बाद डीआईजी के खिलाफ एक एफआईआर दर्ज होने के दो दिन बाद यह एक्शन लिया गया.


हरियाणा गृह विभाग के एक आदेश के मुताबिक सस्पेंशन के दौरान डीआईजी (सतर्कता) अशोक कुमार गुड़गांव के पास भोंडसी में रीजनल ट्रेनिंग सेंटर के कार्यालय से संबद्ध रहेंगे. इससे पहले हरियाणा पुलिस ने राज्य के गृह मंत्री के भाई कपिल विज की शिकायत पर डीआईजी कुमार के खिलाफ एक प्राथमिकी दर्ज की थी. कपिल विज ने अधिकारी पर हमला करने और उन्हें धमकी देने का आरोप लगाया है.


क्यों हुआ डीजीआई और गृहमंत्री के भाई में झगड़ा?
इस मामले को लेकर पुलिस ने बताया कि कपिल विज रविवार दोपहर अपने दोस्त के पोते की जन्मदिन पार्टी में शरीक होने अंबाला छावनी में सरहिंद क्लब गए थे, जहां डीआईजी भी मौजूद थे. पुलिस सूत्रों ने बताया था कि इस दौरान किसी मुद्दे को लेकर कपिल विज और डीआईजी के बीच तीखी बहस हो गई. कुछ लोगों के हस्तक्षेप से मामला सुलझ गया. हालांकि, बाद में शाम के समय विज ने अंबाला छावनी सदर थाने में डीआईजी के खिलाफ शिकायत दे दी.


कोर्ट से डीआईजी को मिली अंतरिम जमानत
सोमवार को डीआईजी के आवेदन पर अंबाला अदालत के एक एडिशनल सेशन कोर्ट के जज ने उन्हें मंगलवार तक अंतरिम जमानत दे दी थी. डीआईजी के वकील ने बताया कि मामले में सुनवाई की अगली तारीख 16 फरवरी तक जमानत की अवधि को बढ़ा दिया है. इसके साथ ही डीआईजी को जरूरत होने पर पुलिस जांच में शामिल होने के निर्देश दिये गये है.


कपिल विज ने एफआईआर में क्या आरोप लगाए?
प्राथमिकी के अनुसार कपिल विज ने आरोप लगाया कि वह व्यक्ति जिसके बारे में उन्हें बाद में पता चला कि वह डीआईजी है, उनके पास आया और बिना किसी कारण कथित रूप से उन्हें और उनके परिवार को भोजन करते समय गंदी-गंदी गालियां देनी  शुरू कर दीं.


कपिल विज ने कहा कि वापस लौटते समय वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने उन्हें गंभीर परिणाम भुगतने की धमकी दी और कहा कि वह अंबाला का सतर्कता डीआईजी है और कोई उसका कुछ नहीं बिगाड़ सकता. पुलिस सूत्रों के अनुसार शिकायत मिलने के बाद अंबाला के एसपी हामिद अख्तर समेत वरिष्ठ पुलिस अधिकारी रात करीब दस बजे अंबाला सदर थाना पहुंचे. इसके बाद डीआईजी के खिलाफ आईपीसी की धारा 323, 506 और 294 के तहत मामला दर्ज किया गया.


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